जिहादियों का बचाव और हिंदुओं से भेदभाव नहीं चलेगा, विहिप का नीतीश पर बड़ा हमला

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नयी दिल्ली/पटना : विश्व हिन्दू परिषद ने बिहार के हिंदुओं के समक्ष गंभीर संकट पैदा होने की बात कहते हुए इसके लिए राज्य की नीतीश सरकार को आड़े हाथ लिया है। विहिप के केंद्रीय महासचिव मिलिंद परांडे ने आज नयी दिल्ली में कहा कि इस कोरोना काल में भी बिहार के हिंदुओं पर जिहादी हमले लगातार जारी हैं। जबकि नीतीश सरकार हमलावरों पर कार्रवाई करने की जगह उल्टे हिंदू दुकानदारों को अपने धार्मिक प्रतीक के झंडे लगाने पर झूठे मामले में फंसा रही है। यही नहीं, राज्य के सीमावर्ती और अन्य जिलों में रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों की कारगुजारी पर भी बिहार सरकार आंख मूंदे हुए है। इससे बिहार के हिंदुओं में असुरक्षा पनप रही है। वे बेबस हैं क्योंकि भाजपा भी सरकार में शामिल है। ऐसे में यदि भाजपा और हिन्दू में से किसी एक को चुनने की नौबत आती है तो हम उससे भी पीछे नहीं हटेंगे।

बिहार के हिंदू बेबस, विहिप नेता के बयान से एनडीए बेचैन

साफ है कि विहिप के बड़े नेता का यह बयान बिहार की जदयू—भाजपा गठबंधन सरकार के लिए सिरदर्द पैदा करने वाला है। मिलिंद परांडे ने खुलकर तो नहीं, लेकिन ईशारों में यह साफ कह दिया है कि हिंदू हितों से समझौता और उसे वोटबैंक के लिए दबाना आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए हितकारी नहीं हो सकता। यदि हिंदूओं की सुरक्षा और अस्मिता का प्रश्न आया तो गठबंधन रहे या जाये, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। देश की सुरक्षा और हिंदुओं की अस्मिता से कोई समझौता नहीं हो सकता। यह बयान बिहार की एनडीए सरकार के लिए खतरे की घंटी है।

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हिंदुओं पर अत्याचार के मामलों में न्याय नहीं : मिलिंद परांडे

विहिप नेता ने गोपालगंज के कटैया में पिछले दिनों एक समुदाय द्वारा 15 वर्षीय किशोर रोहित जायसवाल के मर्डर का जिक्र करते हुए कहा कि डेढ़ माह बीतने के बाद भी नीतीश सरकार ने कुछ नहीं किया। अपराधी खुले में घूम रहे हैं और इलाके के हिंदू खौफजदा हैं। इससे जिहादी हमलावरों का मनोबल इतना बढ़ा कि उन्होंने पीड़ित परिवार को डरा-धमका कर गांव छोड़ने पर मजबूर कर दिया। श्री परांडे ने कहा कि बिहार में ऐसी घटनाएं एक नहीं अनेक हैं। किशनगंज में 15 वर्षीया हिन्दू दलित लड़की का एक समुदाय के लोगों द्वारा रेप और मर्डर, बेगूसराय के सरैया गांव में रामायण पढ़ने वाले युवकों को रमजान के महीने में रामायण पढ़ने से रोकना और पीटना, नालंदा मे हिन्दू व्यवसाइयों द्वारा ओउम् ध्वज लगाने पर मुकदमा आदि वाकये बिहार में हिंदुओं की बेबसी बयां कर रहे हैं।

घुसपैठियों को संरक्षण देने का लगाया आरोप

श्री परांडे ने हिंदुओं पर बिहार में अत्याचार के सभी मामलों में इस्लामिक जिहादियों के अत्याचारों और और प्रशासन द्वारा उनको कहीं प्रत्यक्ष तो कहीं परोक्ष सहयोग करने का बड़ा आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि इससे राज्य के अनेक हिन्दू परिवार पलायन को मजबूर हैं। श्री परांडे ने यह भी कहा कि राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में मस्जिदों व मदरसों की संख्या बढ़ रही है। प्रशासन इससे आंख मूंदे हुए है जबकि ये मस्जिद और मदरसे बांग्लादेशी तथा रोहिंग्या घुसपैठियों का अड्डा बन रहे हैं।

उन्होंने चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि बिहार सरकार अपराधियों को दंडित करे और उनको संरक्षण देने वाले अफसरों व पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करे वर्ना हिंदुओं के साथ नाइंसाफी के खिलाफ उसे सामाजिक प्रतिक्रिया को संभालना दुश्वार हो जाएगा। इस सम्बन्ध में उन्होंने राज्य के गृह सचिव के खिलाफ भी जांच की मांग की है।

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