जाएं तो जाएं कहां? महागठबंधन में बुरे फंसे कुशवाहा और मांझी

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पटना : रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा और हम के नेता जीतनराम मांझी महागठबंधन में बुरे फंसे हैं। एक तो कोई पूछ नहीं रहा, वहीं सीट बंटवारे में क्या हिस्सा मिलेगा यह अनिश्चितता के भंवर में डूबा हुआ है। समन्वय समिति की डिमांड भी कोई सुन नहीं रहा। ऐसे में फिलहाल डराने—धमकाने वाले बयानों से ही काम चल रहा है। उसपर हद यह कि आज मंगलवार को राजद नेता भाई वीरेंद्र ने यह साफ कर दिया कि महागठबंधन में पार्टी की औकात के अनुसार ही सीट शेयरिंग होगा। यानी संकेत स्पष्ट है कि अपनी हद में रहें।

अहंकार त्यागे राष्ट्रीय जनता दल

महागठबंधन में सीटों की इसी हड़बड़ाहट के बीच रालोसपा के प्रधान महासचिव माधव आनंद ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग चाहते हैं कि तेजस्वी यादव सीधा मुख्यमंत्री बन जाएं। लेकिन जब सभी लोग मिलेंगे तभी तेजस्वी मुख्यमंत्री बन पाएंगे। वर्ना किस्मत के धनी नीतीश कुमार ही फिर मुख्यमंत्री बन जायेंगे। माधव आनंद ने राजद से ईशारों—ईशारों में कहा कि अगर समन्वय समिति नहीं बनानी है तो आप बोल दीजिए नहीं बनाएंगे, आप लोग अपना रास्ता देखिए। उन्होंने कहा कि राजद को अहंकार त्यागना होगा।

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जीतन राम मांझी ने भी चेताया

इसबीच हम के नेता जीतनराम मांझी ने भी राजद पर महागठबंधन में समन्वय समिति बनाने में जानबूझकर देर करने का आरोप लगाया है। उन्होंने भी धमकी भरे अंदाज में कहा कि यदि सभी को साथ लेकर नहीं चलेंगे तो सीएम की कुर्सी का सपना देखना बहुत मुश्किल हो जाएगा। उधर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने कहा कि महागठबंधन में इसमें एकराय है कि समन्वय समिति बने। लेकिन पहल तो राजद को ही करनी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि शीघ्र ही सारे मसलों को हल कर लिया जाएगा।

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