पटना/नयी दिल्ली : समूचे देश के साथ ही बिहार-झारखंड में भी जनता कर्फ्यू का व्यापक असर दिखा। पटना, गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा समेत बिहार के तमाम शहरों में सड़कें सुनसान हैं। पटना में लोग घरों में बंद हैं। जरूरी समान खरीदने के लिए इक्का-दुक्का लोग ही बाहर निकल रहे हैं। सभी मॉल, दुकानें और पेट्रोल पंप बंद हैं। यहां तक कि प्रधानमंत्री मोदी के जनता कर्फ्यू की अपील को नौटंकी कहने वाली पार्टियों के लोग भी अपने घरों में बंद रहे। पटना स्थित राजद कार्यालय के भीतर और बाहर कुछ बेजुबान जानवरों को छोड़ दें तो सन्नाटा पसरा दिखा।
कोरोना से पहली मौत पर मंत्री ने क्या कहा
इस बीच पटना में कोरोना वायरस से संक्रमित एक 38 वर्षीय युवक की मौत के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से पैनिक नहीं करने को कहा है। मुंगेर निवासी जिस सैफ अली नामक युवक की मौत हुई है, वह कतर से आया था और 20 मार्च को पटना एम्स में भर्ती हुआ था। सैफ डायबिटिज का रोगी था और उसका किडनी भी खराब था। ऐसे में उसकी मौत को कोरोना से हुई मौत कहना ज्यादती होगी।
इधर जनता कर्फ्यू के दौरान पटना के बेली रोड, डाकबंगला चौराहा, फ्रेजर रोड, गांधी मैदान, कंकड़बाग, राजेंद्र नगर, दानापुर और सगुना मोड़ में सुबह से ही सड़कें सुनसान हो गईं। इन प्रमुख जगहों की सड़कों पर आम दिनों में सुबह से ही भारी भीड़ रहती है और जाम लगता है। लेकिन जनता कर्फ्यू ने इन्हें वीरान कर दिया। राजीव नगर, आशियाना नगर, गांधी नगर, बेऊर मोड़ इलाके में भी लोग घरों से नहीं निकले।