जानिए कैसे अपराधी ले रहे एडीजी के आंकड़ों की कड़ी परीक्षा?

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पटना : बिहार में अपराध नियंत्रण निजाम के बूते से बाहर हो चला है। दो दिन पहले एडीजी मुख्यालय ने आंकड़ों की कलाबाजी कर इसे काबू में और पहले के मुकाबले घटे हुए क्राइम रेट के तौर पर दर्शाते हुए सरकार की पीठ खुद ही थपथपाई थी। लेकिन अपराधी हैं कि ताबड़तोड़ उनके दावों की धज्जियां उड़ाने पर तूले हुए हैं। बुधवार को अपराधियों ने राज्य सरकार और पुलिस के दावों पर ताजा हमला तब बोला जब उन्होंने राजधानी पटना के सिटी इलाके में एक ज्वेलर्स को गोलियों गोलियों से भून डाला। घटना सिटी के खाजेकला थाना क्षेत्र के पादरी की हवेली मोहल्ले में देर रात घटी।

परिजनों द्वारा घटना की जानकारी पुलिस को दिए जाने के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लिया और उसे पोस्टमार्टम के नालंदा मेडिकल कॉलेज भेजा। मृतक की पहचान पादरी की हवेली मोहल्ला निवासी प्रदीप कुमार के 25 वर्षीय पुत्र रॉकी कुमार के रूप में की गई जो ज्वेलर्स का काम करता था। रॉकी अपनी दुकान बंद कर घर के पास पहुंचकर जैसे ही बाइक लगाने लगा, अपराधी वहां आ धमके और ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। मृतक के पिता ने बताया कि गोलियों की तड़तड़ाहट सुनकर जब वे पहुंचे तो बेटे को मृत पाया।
साफ है कि क्राइम को लेकर पुलिस मुख्यालय का दावा कुछ और है और हकीकत कुछ और। आमलोग तो भुगत ही रहे हैं, मीडिया भी जो जैसा—वह वैसा वाली जिम्मेदारी निभाते हुए अपराध की रिपोर्टिंग भर कर दे रहा है। लेकिन अपराधी हैं कि पुलिस के दावों की कठिन परीक्षा ले रहे हैं।
अब देखना है कि घटना के बाद दिखने वाली पुलिस की सजगता कराहती जनता के घावों पर कितना मरहम लगा पाती है, जैसा कि इस घटना के बाद भी पटना सिटी के एडिशनल एसपी ने जल्द ही हत्यारों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिए जाने का भरोसा दिलाया।

swatva

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