जायसवाल ने मानी गलती! सारण सीट पर उम्मीदवार का चयन ठीक नहीं, राय को लेकर दिए पॉजिटिव संकेत
पटना : स्थानीय निकाय कोटे से हुए विधान परिषद चुनाव का परिणाम घोषित हो गया है। सारण सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार सच्चिदानंद राय चुनाव जीतने के बाद सबसे अधिक चर्चे में हैं। राय के निर्दलीय चुनाव जीतने के बाद इस बात की चर्चा तेज है कि उन्हें किसी पार्टी की जरूरत नहीं है, बल्कि वे खुद इतना रुतबा रखते हैं कि किसी पार्टी के सिंबल के बिना चुनाव जीत सकते हैं। इस चुनाव में बड़े अंतर से जीत दर्ज करने के बाद भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को भी अपनी गलती को अहसास हो गया है। क्योंकि, इस एमएलसी चुनाव में सारण क्षेत्र से भाजपा ने जिनको अपना उम्मीदवार बनाया था उनको 300 मत भी नहीं आ सका। जबकि सच्चिदानंद राय को उनसे 13 गुणा अधिक मत प्राप्त हुआ।
बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने गलती स्वीकारा
राय की जीत के बाद बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने गलती स्वीकार करते हुए कहा कि उम्मीदवारों के चयन में कुछ कमी रह गई। दो सीटों पर एनडीए के कैंडिडेट चुनाव से पहले ही पीछे हट गये थे। संजय जायसवाल ने स्वीकार किया है कि सारण सीट पर उम्मीदवार का चयन सही नहीं था। हालांकि, इशारो में जायसवाल ने राय को भाजपा का नेता माना। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि हमारे वोट बैंक में राजद द्वारा सेंध लगाने का प्रयास हुआ, जो कि सफल नहीं हुआ।
गौरतलब है कि, इस बार जब अंतिम समय में भाजपा की तरफ से राय का टिकट काटा गया था और वहां से धर्मेंद्र कुमार को उम्मीदवार बनाया गया था। इसके बाद भाजपा के रवैए से नाराज सच्चिदानंद राय को समर्थकों और मतदाताओं द्वारा अपार सहयोग मिला था, जिसके बाद राय ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का दावा किया था।
हालाँकि, अब पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है और सच्चिदानंद राय ने चुनाव जीतने के बाद यह कहा है कि यदि भाजपा के तरफ से निमंत्रण आता है, तो फिर वह उस निमंत्रण को नहीं ठुकराएंगे।