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UP चुनाव : अखिलेश को ‘स्वामी’ मानते ही छलका BJP के ‘मौर्य’ का दर्द, कह दी बड़ी बात

PATNA : यूपी में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है। चुनाव आयोग ने भी चुनाव कराने के लिए तारीख की घोषणा कर दी है। जो कि सात चरणों में संपन्न होगी। चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू है, इसी बीच कई भाजपा नेता भाजपा का दामन छोड़ किसी अन्य मजबूत पार्टी में अपना भविष्य तलाश रहे हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे बड़े नेता ने भाजपा का दामन छोड़ सपा में शामिल हो गए हैं।

अखिलेश ने किया गुणगान

स्वामी प्रसाद मौर्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा देते हुए कहा कि दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं। अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य का स्वागत करते हुए दो ट्वीट कर कहा कि सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्या जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन! इस बार सभी शोषितों, वंचितों, उत्पीड़ितों, उपेक्षितों का ‘मेल’ होगा और भाजपा की बाँटने व अपमान करनेवाली राजनीति के ख़िलाफ़ सपा की सबको सम्मान देनेवाली राजनीति का इंक़लाब होगा। बाइस में सबके मेल मिलाप से सकारात्मक राजनीति का ‘मेला होबे’! भाजपा की ऐतिहासिक हार होगी!

स्वामी को चाहिए 32 सीटें

वहीं, इस्तीफे का मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा से 32 टिकटों की मांग कर रहे थे लेकिन मांग पूरी नहीं होने के वजह से उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उनके साथ भाजपा के कुछ और विधायक भी भाजपा का दामन छोड़ दिए हैं और कुछ छोड़ रहे हैं, जैसे धर्म सिंह सैनी, दारा सिंह चौहान, चंदौली विधायक सागर प्रसाद आदि का नाम सामने आ रहा है।

नॉन परफॉर्मर नेताओं की होगी छुट्टी

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि भाजपा बड़ी संख्या में नॉन परफॉर्मर नेताओं को मुख्य चुनावी राजनीति से दूर कर रही है। और युवाओं को मौका देने की योजना बना रही है। इसी कारण काफी लोगों का टिकट कटने वाला है। अतः समय रहते हुए भाजपा का दामन छोड़ने वाले सभी नेता अपना ठिकाना पक्का करते हुए मजबूत क्षेत्रीय पार्टियों में शामिल हो रहे हैं।

छलका केशव प्रसाद मौर्य का दर्द

स्वामी के इस्तीफा देने के बाद केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर कहा है कि “आदरणीय स्वामी प्रसाद मौर्य जी ने किन कारणों से इस्तीफा दिया है, मैं नहीं जानता हूँ उनसे अपील है कि बैठकर बात करें जल्दबाजी में लिये हुये फैसले अक्सर गलत साबित होते हैं।” जिसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर यह कहा जा रहा है कि केशव ने यह ट्वीट cm को टारगेट करने के लिए किया है। वहीं कुछ का कहना है कि वे नहीं चाहते हैं कि स्वामी सपा में शामिल हों।