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एड्स संक्रमितों के साथ भेदभाव करने वाले अब होंगे दंडित : स्वास्थ्य मंत्री

शिकायत निवारण पदाधिकारी एवं लोकपाल निपटायेंगे ऐसे मामले

पटना : स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य में एचआईवी एड्स संक्रमित व्यक्तियों और उनके परिजनों के साथ पारिवारिक और सामाजिक भेदभाव करना अब आसान नहीं होगा। उन्हें परेशान करने वालों को न्यायिक प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता और कानून के प्रावधान के तहत कार्रवाई भी होगी। उनकी समस्याओं के निवारण के लिए अस्थायी लोकपाल की भी नियुक्ति की गयी है। केंद्र सरकार की एचआईवी एड्स (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल) एक्ट 2017 को प्रदेश में भी मार्च 2021 से लागू कर दिया गया है। इसके तहत एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों से प्राप्त शिकायतों को सुनी जाएगी और उसका निवारण भी होगा।

पांडेय ने कहा कि इसी क्रम में राजधानी पटना में एक राज्य स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन 7 जनवरी को किया जाएगा। इस प्रशिक्षण में लोकपाल एवं शिकायत निवारण पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस प्रशिक्षण में 54 शिकायत निवारण पदाधिकारी को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस प्रशिक्षण में इस बात की जानकारी दी जाएगी कि एड्स से संक्रमित व्यक्तियों के साथ यदि भेदभाव की शिकायत मिलती है, तो उसका निवारण कैस हो। राज्य सरकार इस दिशा में काफी संवेदनशील है। इस उन्मुखीकरण कार्यक्रम में बिहार स्टेट लीगल सर्विस आथिरिटी के रिप्रेजेंटेटिव एक्ट संबंधित धाराओं की जानकारी देंगे। इस प्रकार के आयोजनों से राज्य में एड्स मरीजों के प्रति एक सकारात्मक संदेश देने की कोशिश है, ताकि मरीजों को समाज में उपेक्षित नहीं होना पड़े।

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि इस एक्ट के अंतर्गत संक्रमित जिन समस्याओं को लेकर शिकायत कर सकते हैं। उनमें स्वास्थ्य एवं स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित समस्या, पारिवारिक एवं सामाजिक भेदभाव से संबंधित समस्या, ए आर वी दवाओं और अवसरवादी संक्रमणों के प्रबंधन से संबंधित समस्या, संपत्ति से संबंधित समस्या, एचआईवी संक्रमित एवं प्रभावित बच्चों की पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित समस्या और केंद्र एवं राज्य सरकारों के द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से संबंधित समस्याएं हैं। स्वास्थ्य विभाग की कोशिश है कि इस एक्ट को तहत केंद्र सरकार के मानक के अनुरूप राज्य में संचालित करें।