शराबबंदी कानून को लेकर आक्रमक हुई भाजपा, नीतीश को दी तत्काल समीक्षा करने की नसीहत

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पटना : शराबबंदी को लेकर नीतीश कुमार को उनके सबसे बड़े सहयोगी भाजपा ने भी सवाल खड़े किए हैं। भाजपा की तरफ से शराबबंदी कानून की सफलता और असफलता पर बात करते हुए प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जयसवाल ने कहा कि बिहार में शराबबंदी के 5 साल हो चुके हैं। अब इसकी सफलता और असफलता पर विचार करना बेहद जरूरी है।

डॉक्टर जायसवाल कहा कि बिहार में शराबबंदी फेल होने का सबसे बड़ा कारण प्रशासन है। प्रशासन की मिलीभगत से बिहार में अवैध रूप से शराब का कारोबार जारी है। अपने संसदीय क्षेत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मेरे संसदीय क्षेत्र पूर्वी चंपारण में अवैध शराब बिक्री की स्थिति भयावह है, यहां पर पुलिस प्रशासन के सहयोग से शराब बिक्री का काम चल रहा है।

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जयसवाल ने नीतीश कुमार को शराबबंदी कानून की समीक्षा करने की सलाह देते हुए कहा कि शराबबंदी एक्ट फेल होने का सबसे बड़ा कारण पुलिस है। क्योंकि, पुलिस शराब बिक्री का हिस्सा बन चुकी है। इसलिए फिर से शराबबंदी कानून की समीक्षा की जरुरत है।

वहीं, अंदरखाने की बात करें तो सरकार में सबसे बड़े सहयोगी होने के नाते भाजपा इसके पक्ष में नहीं है कि बिहार में शराबबंदी हो। क्योंकि, भाजपा नेताओं का मानना है कि बिहार में शराबबंदी कहीं से भी सफल नजर नहीं आ रही है। आए दिन काफी संख्या में जहरीली शराब से मौतें हो रही है और अधिकाधिक संख्या में शराब की खेप पकड़ी जा रही है, जिसमें पुलिस की संलिप्तता सामने आ रही है। इस लिहाज से भाजपा इसके पक्ष में बिल्कुल भी नहीं है कि शराबबंदी कानून से बिहार को कुछ फायदा हो रहा है। बल्कि, इस से बिहार को काफी नुकसान हो रहा है।

 

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