देश में 64,000 करोड़ रुपये का निवेश के जरिये हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर को सशक्त किया जाएगा- भाजपा
पटना : 64,000 करोड़ रुपये का निवेश के जरिये हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर को सशक्त किया जाएगा। पीएम आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत बुनियादी स्वास्थ्य ढांचे को बढ़ावा देने के लिए अब तक की देश की सबसे बड़ी योजना है। उक्त बाते भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने कही।
भाजपा नेता ने कहा कि हर भारतीय सुलभ, सस्ती और उच्च गुणवत्ता युक्त स्वास्थ्य सेवाओं का हकदार है। बहु-आयामी दृष्टिकोण के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे सुनिश्चित करने के लिए काम किया है। मोदी सरकार ने पूरे भारत में चिकित्सा शिक्षा को लगातार मजबूत किया है, 2014 से 17,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ 160 से अधिक नए कॉलेज विकसित किए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पिछले सात वर्षों में स्वास्थ्य क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन सुनिश्चित हुआ है।
अरविन्द ने कहा कि भारत सरकार ने बहु-आयामी और बहु-स्तरीय कार्यनीति के साथ गंभीर और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को बढावा दिया। 29,000 स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों के नेटवर्क का जाल बिछाया। सभी जिलों में आईसीयू , वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ 37,000 बिस्तरों वाले विशेष क्रिटिकल केयर अस्पताल हर ब्लॉक मे स्थापित होगा।
ब्लॉक और जिला स्तर पर 4,000 से अधिक सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयां, और प्रयोगशालाएं, सभी जिलों में समस्त नैदानिक सेवाएं, आईटी के जरिये रोग निगरानी प्रणाली का स्थापना होगा। समग्र स्वास्थ्यसेवा के लिए संस्थागत दृष्टिकोण के साथ एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान, चार नए राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, लडब्ल्यूएचओ दक्षिण पूर्वी एशिया क्षेत्र के लिए क्षेत्रीय अनुसंधान मंच, जैव सुरक्षा स्तर की 15 प्रयोगशालाएं, पांच नए क्षेत्रीय राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, जन स्वास्थ्य आपात स्थितियों और रोगों के संक्रमण को रोकने के लिए 50 अंतर्राष्ट्रीय आगमन बिन्दुओं पर सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयां स्थापित करना।
हमारे हेल्थकेयर सिस्टम में दशकों तक जो बड़ी कमी रही, उसने गरीब और मिडिल क्लास में इलाज को लेकर हमेशा एक चिंता पैदा की। ‘आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन’ उसी कमी को दूर करने का एक समाधान है। 64 हजार करोड़ की इस योजना से देश के कोने कोने में विश्वस्तरीय मेडिकल सुविधाओं की पहुंच बढ़ेगी, जिसका सर्वाधिक लाभ आम आदमी को ही मिलेगा।