नवरात्रि की तैयारियों को दिया जा रहा अंतिम रूप, कलश स्थापन आज

0

नवादा : महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा की पूजा-अर्चना के लिए जिला तैयार हो चुका है। जिले में बड़ी संख्या में घरों में कलश स्थापना होती है। जानकारों के अनुसार घट स्थापना मुहूर्त और अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना का विशेष महत्व है। घट स्थापना के दिन चित्रा नक्षत्र, गुरुवार दिन साथ-साथ विष कुम्भ जैसे शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। इस दिन कन्या राशि में चर्तुग्रही योग का निर्माण भी हो रहा है।

घट स्थापना मुहूर्त :- 

swatva

7 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 17 मिनट से 7 बजकर 7 मिनट तक और अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 38 मिनट के बीच है।

शारदीय नवरात्र का विशेष महत्व :-

आश्विन की नवरात्रा शारदीय नवरात्र कहलाता है। सूर्य के दक्षिणायन काल में देवी पूजन को विशेष महत्व दिया गया है। इसलिए अश्विन की नवरात्र में विशेष रूप से देवी पूजन की परंपरा है। चूंकि यह समय गर्मी एवं सर्दी का संधिकाल होता है, इसलिए इन दोनों का मिलन आध्यात्मिक विकास के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है।

प्रतिपदा से नवमी तक देवी के नौ रूपों का पूजन होता है। शास्त्रों में चैत, आषाढ़, आश्विन एवं माघ महीने के शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तक चार नवरात्र की चर्चा मिलती है। आषाढ़ एवं माघ मास में होने वाले गुप्त नवरात्र का तंत्र साधना में विशेष महत्व है। चैत में बासन्ती नवरात्र का आयोजन होता है।

7 अक्तूबर से 11 अक्तूबर 2021 तक के व्रत और त्योहार:-

7 अक्तूबर (गुरुवार) : आश्विन शुक्ल प्रतिपदा मध्याह्न 1.47 बजे तक उपरांत द्वितीया। नवरात्र प्रारम्भ। घट स्थापना (अभिजीत मुहूर्त)।

8 अक्तूबर (शुक्रवार) : आश्विन शुक्ल द्वितीया प्रात: 10.49 बजे तक तदनंतर तृतीया। चंद्र दर्शन।

9 अक्तूबर (शनिवार) : आश्विन शुक्ल तृतीया प्रात: 7.49 बजे तक पश्चात चतुर्थी। चतुर्थी तिथि का क्षय। वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी।

10 अक्तूबर (रविवार) : आश्विन शुक्ल पंचमी रात्रि 2.15 बजे तक तदनंतर षष्ठी। उपांग ललिता पंचमी।

11 अक्तूबर (सोमवार) : आश्विन शुक्ल षष्ठी रात्रि 11.51 बजे तक पश्चात सप्तमी। शनि मार्गी प्रात: 7 बज कर 45 मिनट तक।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here