दिल्ली : आयकर विभाग ने 24 अगस्त को राजकोट स्थित एक समूह पर छापेमारी कर तलाशी और जब्ती अभियान चलाया। यह समूह गुजरात के प्रमुख रियल एस्टेट बिल्डरों और डेवलपर्स में से है। समूह सक्रिय रूप से राजकोट और उसके आसपास रियल एस्टेट, निर्माण और भूमि ज़मीन की बिक्री के व्यवसायों में लगा हुआ है। छापेमारी के दौरान 40 से अधिक परिसरों को शामिल किया गया था।
आयकर विभाग द्वारा तलाशी और जब्ती अभियान के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज, खुले पन्ने और डिजिटल साक्ष्य आदि जब्त किए गए, जो बेहिसाब लेनदेन में समूह के लिप्त होने का संकेत देते हैं। नियमित बही-खातों से अलग लेनदेन, बेहिसाब नकद खर्च, प्राप्त नकद, अग्रिम और नकद में भुगतान किए गए ब्याज के पर्याप्त सबूत मिले हैं।
अचल संपत्ति परियोजनाओं-फ्लैट, दुकानों और भूमि सौदों में धन के नकद भुगतान के साक्ष्य भी मिले हैं। विभिन्न परियोजनाओं में कुल बेहिसाब नकद प्राप्तियां और पुष्ट साक्ष्यों के साथ लगभग 350 करोड़ रुपये का पता चला है। इसके अलावा, लगभग 154 करोड़ रुपये की भूमि खरीद से संबंधित साक्ष्य भी मिले हैं, जिनमें से 144 करोड़ रुपये का कथित तौर पर नकद भुगतान किया गया।
कुल मिला कर, तलाशी और जब्ती अभियान के परिणामस्वरूप विभिन्न मूल्यांकन वर्षों के दौरान 300 करोड़ रुपये से अधिक की आय को छुपाने का पता चला है, जिसके और अधिक होने की संभावना है। विभिन्न परिसरों से 6.40 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और 1.70 करोड़ रुपए राशि के आभूषण जब्त किए गए हैं। इसके अलावा 4 करोड़ रुपये के वचन पत्र भी बरामद कर जब्त किए गए हैं। तलाशी अभियान के दौरान 25 लॉकर मिले हैं, जिन्हें निषेधाज्ञा के तहत रखा गया है। तलाशी अभियान अब भी जारी है।