भाई ने ही तोड़ दिया घर भाई का, चिराग को धोखा देने जा रहे चाचा पारस!
पटना : केंद्र में मोदी कैबिनेट के विस्तार की खबरों के बीच बिहार की राजनीति के लिए यह सप्ताह काफी उथल-पुथल भरा हो सकता है। दरअसल, पिछले कुछ घंटों से बिहार से लेकर दिल्ली तक इस बात की चर्चा तेज है कि चिराग पासवान की पार्टी लोजपा टूटने वाली है। यह टूट बहुत बड़ी टूट होने वाली है। इस टूट के बाद चिराग को बहुत बड़ा झटका लगने वाला है। क्योंकि, इसके बाद चिराग सिर्फ अकेले बचेंगे।
सूत्रों की मानें तो अब तक पार्टी को बिखरने से बचाने वाले लोजपा के प्रमुख नेता भी पाला बदलने को राजी हो गए हैं। उनके बारे में यह कहा जा रहा था कि वे जब चाह लेंगे तब पार्टी टूट जाएगी और हुआ भी वही। जानकर सूत्र बताते हैं कि बीते दिन आनन-फानन में लोजपा के वरिष्ठ और कद्दावर नेता दिल्ली पहुंचे, फिर इसके बाद चिराग को छोड़कर लोजपा के सारे सांसद रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति पारस को अपना नेता मान लिया है।
इस बाबत लोजपा नेता व सांसद चंदन सिंह, वीणा देवी, प्रिंस पासवान व महबूब अली कैशर ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को एक पत्र लिखकर पशुपति पारस को लोजपा का नेता नियुक्त करने की मांग की है। हालांकि, सूत्र यह भी बता रहे हैं कि पार्टी में बड़ी टूट को बचाने की कवायद रात भर जारी है, लेकिन कुछ सकारात्मक होता नहीं दिख रहा है।
इस प्रकरण को अंजाम देने के पीछे नीतीश कुमार के करीबी और जदयू के कद्दावर नेता रहे ललन सिंह का हाथ बताया जा रहा है। क्योंकि, वे लोजपा को तोड़ने के लिए काफी समय से प्रयासरत थे। इससे पहले भी यह खबर सामने आई थी कि ललन सिंह ने पशुपति समेत 4 सांसदों को लोजपा से तोड़ लिया है, लेकिन उस समय सूरजभान सिंह ने विशेष हस्तक्षेप करते हुए पार्टी को टूटने से बचा लिया था। लेकिन, इस बार ऐसा होता नहीं दिख रहा है। विरासत की कुर्सी संभालने के लिए भाई ने ही भाई का घर लूट लिया।