बसपा के बाद LJP-AIMIM विधायकों पर जदयू की नजर, इसलिए रुका कैबिनेट विस्तार
पटना : बिहार में लंबे समय से चले आ रहे कैबिनेट विस्तार का पेच अभी भी सुलझता नजर नहीं आ रहा है। कुछ दिन पहले मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कहा जा रहा था कि 29 जनवरी को मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा। लेकिन, विस्तार को लेकर जदयू के नेता भाजपा को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं तो भाजपा के नेता जदयू को। लेकिन, मिली जानकारी के अनुसार जदयू फिलहाल कैबिनेट विस्तार से ज्यादा ध्यान पार्टी में विधायकों के विस्तार में लगाई हुई है।
हालिया राजनीतिक घटनाओं को देखेंगे तो यह बातें स्पष्ट रूप से उभरकर आई है कि जदयू राजद छोड़कर जितने भी विपक्षी दल हैं, सभी दलों के टूटने का इन्तजार कर रही है। क्योंकि, कुछ दिन पहले बसपा के एकमात्र विधायक जमा खां जदयू में शामिल हो गए। वहीं, एकमात्र निर्दलीय विधायक सुमित सिंह ने भी जदयू का समर्थन किया है। इसके बाद लोजपा के एकमात्र विधायक राजकुमार सिंह भी बीते दिन नीतीश कुमार से मुलाक़ात कर उनकी तारीफ कर चुके हैं।
इसके बाद बीते दिन AIMIM के सभी 5 विधायक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाक़ात किये हैं। इसके बाद इस बात की चर्चां तेज है कि आने वाले दिनों में AIMIM के सभी विधायक जदयू का दमन थाम सकते हैं। जदयू में शामिल होने को लेकर AIMIM के विधायक ने कहा कि फिलहाल जदयू के साथ भाजपा है, इसलिए समर्थन देना मुश्किल है। लेकिन, राजनीति में कुछ भी स्थाई नहीं होता है, इसलिए भविष्य में क्या होगा यह किसी को नहीं पता।
इसके अलावा जानकारी के मुताबिक़ मंत्रिमंडल का विस्तार इसलिए नहीं हो पा रहा है। क्योंकि, जदयू को कांग्रेस में बड़ी टूट का इन्तजार है। इसलिए जब तक गुंजाइश है तब तक जदयू कांग्रेस के टूटने का इन्तजार कर रही है, इसलिए कैबिनेट का विस्तार नहीं हो पा रहा है।
स्मरण रहे कि 43 विधायक होने के कारण नीतीश कुमार पहले की तरह सरकार नहीं चला रही हैं, इसलिए नीतीश कुमार सरकार में दबदबा बनाए रखने के लिए जदयू में अन्य दलों के विधायकों के शामिल करवानी में जुटे हुए हैं।