बिहार विधान परिषद की 2 सीटों पर हो रहे उपचुनाव को लेकर भाजपा ने एक सीट के लिए अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री रहे भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन को अपना उम्मीदवार बनाया है। सुशील मोदी के राज्यसभा जाने के बाद खाली हुई सीट के लिए शाहनवाज विधानपरिषद जाएंगे।
वहीं, दूसरी सीट भाजपा ने अपने सहयोगी दल वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी के लिए छोड़ी है। लेकिन, मुकेश सहनी इस विप का उपचुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। सहनी 6 साल के लिए विधान परिषद् जाना चाहते हैं।
लेकिन, सहनी को भाजपा की तरफ से साफ़ कहा गया है कि फिलहाल आपको उपचुनाव के सहारे ही विप जाना होगा। बाद की बातें बाद में देखी जायेगी। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा के बड़े नेताओं द्वारा कहा गया है कि फिलहाल ज्यादा मामले को पेचीदा मत बनाइये, विनोद नारायण झा वाली सीट से विधान परिषद् पहुंचिए।
कोल्डवार को लेकर असमंजस में सहनी
लेकिन, सहनी फिलहाल मानने को तैयार नहीं हैं। उनकी नजर राज्यपाल कोटे से मनोनयन वाली 12 में एक सीट पर है। क्योंकि, उसका कार्यकाल 6 वर्ष का होता है। ऐसे में सहनी यह भी सोच रहे हैं होंगे कि भाजपा व जदयू के बीच जिस तरह का खींचतान चल रहा, उस अनुसार यह दावा करना मूर्खता होगा कि यह सरकार मजबूती से 5 साल चलेगी। ऐसे में सहनी कम से कम 6 साल के लिए विधान परिषद् जाना उचित समझ रहे हैं।
पार्टी टूटने का डर
वहीं, जानकार बताते हैं कि सहनी के पास भाजपा द्वारा दिए इस निर्देश को मानने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। क्योंकि, सहनी की पार्टी के जो 4 विधायक जीते हैं, वे मूल रूप से वीआईपी के नहीं हैं। ऐसे में सहनी के मन में यह डर बना होगा कि अगर भाजपा के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेंगे तो आने वाले दिनों में सारे विधायक भाजपा में न चले जाएँ। इसलिए उपचुनाव के सहारे विप जाने के अलावा सहनी के पास कोई विकल्प नहीं है।