‘इनके जुबान का महत्व नहीं, कभी भी पलटी मार सकती है कांग्रेस’
पटना : कृषि कानूनों पर कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर बताते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा कि सत्ता की चाह में कांग्रेस और उसके सहयोगी निर्लज्जता की सभी सीमाएं लांघ चुके हैं। जिस कृषि कानूनों को कभी यह खुद लाने का वादा कर रहे थे, आज उसकी खिलाफ़त करके इन्होंने साबित कर दिया है कि इनकी जुबान का कोई महत्व नहीं है। यह कभी भी, किसी भी मुद्दे पर पलटी मार सकते हैं।
उन्होंने कहा कि आज किसानों के हितैषी बनने का ढोंग रच रही कांग्रेस यह भूल गयी है कि उसके पिछले 10 वर्षों के शासनकाल में 1,71,135 किसानों ने आत्महत्या की थी। अटल सरकार से विरासत में मिली 4% की कृषि विकास दर को इन्होंने -2% पर पहुंचा दिया था। तब कृषि मंत्री रहे शरद पवार ने 2010 सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिख कर कृषि क्षेत्र में निजी भागीदारी बढ़ाने की पैरवी की थी।
इतना ही नहीं, दिसंबर 2012 में नेशनल डेवलपमेंट काउंसिल में भी बतौर कृषि मंत्री उन्होंने इसी बात को दोहराया था। लेकिन आज वह अपने कहे से मुकर रहे हैं। रंजन ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में जारी कांग्रेस के घोषणापत्र को देखें तो एपीएमसी एक्ट को हटाने का इनका वादा पृष्ठ संख्या 17 पर साफ़ देखा जा सकता है।
2013 में खुद राहुल गांधी ने सभी कांग्रेस शासित राज्यों को कहा था कि 15 जनवरी तक फल-सब्जियों को एपीएमसी एक्ट की सूची से हटा ले, जिससे किसानों के पास बेचने का विकल्प हो और ग्राहकों को कम कीमतों का लाभ मिल सके। कांग्रेस के अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इस बाबत का ट्वीट आज भी देखा जा सकता है। लेकिन आज जब मोदी सरकार इन्हीं सुधारों को लागू कर रही है तो इनके पेट में मरोड़ उठ रहे हैं। यह दिखाता है कि कांग्रेस और उसके सहयोगी अब रत्ती भर भी भरोसे के लायक नहीं रह गये हैं।