वाल्मीकि व्याघ्र आरक्ष ‘बहुत अच्छा’ की श्रेणी में – उपमुख्यमंत्री

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2 हजार हे. क्षेत्र में अधिवास प्रबंधन व स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स के गठन से बढ़ी बाधों की संख्या

पटना : अन्तरराष्ट्रीय व्याघ्र दिवस के मौके पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पिछले साल वाल्मीकि व्याघ्र आरक्ष में 31 बाध थे, इस साल 08 शावक भी देखे गए हैं। इस आश्रयणी को मैनेजमेंट इफेक्टिवनेस इवेेलूएशन के आधार पर ‘बहुत अच्छा’ की श्रेणी में रखा गया है। ऑल इंडिया टाइगर इस्टीमेशन रिपोर्ट में भी इस आश्रयणी की इकोलाॅजी की महत्ता को स्थापित की गई है।

सुशील मोदी ने कहा कि यहां बाधों के अधिवास प्रबंधन के तहत 1500 हेक्टेयर में नए घास के मैदान के सृजन तथा 500 हेक्टेयर सेें खर-पतवार हटाने, वन क्षेत्र में 32 विभिन्न प्रजातियों के जानवरों की बहुलता, गर्मी के दिनों में पीने के पानी की उलब्धता के लिए 22 वाटर होल के निर्माण आदि के कारण यहां बाधों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

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इसके साथ ही आश्रयणी की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए 80 जवानों के स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स के गठन के साथ 600 से अधिक स्थानीय युवाओं को टाइगर ट्रैकर्स तथा एंटी पोचिंग कैम्प पर नियोजित कर जहां उन्हें रोजगार दिया गया है वहीं बाधों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की गई है। नेचर गाइड सहित अन्य गतिविधियों से भी स्थानीय युवाओं को जोड़ा गया हैं।

इसके अलावा गंडक नदी में घड़ियाल संरक्षण योजना के तहत कुल 6 नेस्टिंग प्वाइंट चिन्ह्ति कर उनमें से दो में 116 घड़ियाल के बच्चों को छोड़ा गया है। ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने का नतीजा रहा कि 2013-14 की 1,218 की तुलना में 2018-19 में यहां 46,424 तो 2019-20 में 83,705 पर्यटक आए।

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