Swatva Samachar

Information, Intellect & Integrity

Featured शिक्षा स्वास्थ्य

कोरोना वायरस से निपटने के लिए 296 ट्रायल्स किये जा रहे: डॉ अमरेंद्र कुमार अजय

पटना: ए एन कॉलेज आइक्यूएसी के तत्वाधान में आयोजित वेबीनार श्रृंखला के अंतर्गत पंचम व्याख्यानमाला का आयोजन आज गुरुवार को आयोजित किया गया।

कोविड-19 वायरस का मृत्यु दर 5% है

व्याख्यानमाला के मुख्य वक्ता हावर्ड मेडिकल बोस्टन अमेरिका के प्राध्यापक डॉ अमरेंद्र कुमार अजय ने बताया कि कोविड-19 विश्व के 213 देशों में लगभग छप्पन लाख से ज्यादा लोगों को प्रभावित कर चुका है। कोविड-19 वायरस का मृत्यु दर 5% है, जबकि 2012 में आए मर्स वायरस का मृत्यु दर 37% और 2008 में आए सार्स वायरस का मृत्यु दर 10% के आसपास था। 2009 में फैले एच वन एन वन वायरस से हालांकि लगभग अस्सी लाख प्रभावित हुए थे परंतु उसकी मृत्यु दर 0.2% के आस-पास ही थी।

296 ट्रायल्स किये जा रहे हैं

कोरोना वायरस का ऊपरी सतह स्पाइक ग्लाइकोप्रोटीन से बना होता है जो अत्यंत चिपचिपा होता है। इस कारण यह वायरस विभिन्न वस्तुओं के सतहों पर कुछ दिनों तक सक्रिय रहता है। कोविड-19 का संक्रमण एंजियोटेनसिन कॉन्वेर्टिंग इनजायम रिसेप्टर द्वारा स्थापित होता है। वर्तमान में इस वायरस से निपटने हेतु लगभग 296 ट्राइल्स किये जा रहे हैं। इनमें से कुछ ट्रायल मानव प्रोटीन तथा कुछ वायरस प्रोटीन को केंद्रित कर किये जा रहे हैं।

वर्तमान समय में विभिन्न दवाइयों के प्रयोगो के अनुसार यह प्रतीत होता है कि रेमेडेसीवीर दवा के प्रयोग से स्वास्थ्य लाभ जल्दी हो रहे हैं जबकि अमेरिकी लोगों में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का प्रयोग बहुत असरदायक नहीं रहा है। अज़ीथ्रोमैसिन के असर का क्लीनिकल ट्रायल अभी जारी है।

आधुनिक थेराप्यूटिक्स ट्राइल्स चरण-1 के परिणाम वायरस के इलाज हेतु काफी उम्मीद जगाती है। विभिन्न वायरस के टीका के विकास के बारे में बताते हुए डॉक्टर अजय ने कहा कि अभी भी सार्स, मर्स, एच्7एन9 , तथा ज़ीका वायरस के टीके विकसित नहीं हुए है जबकि बर्ड फ्लू, स्वाइन फ्लू तथा इबोला वायरस के टीके विकसित किए जा चुके हैं।

भारत में मृत्यु दर कम

वर्तमान में कोविड-19 के टीके का विकास प्रथम चरण में है। भारत तथा अमेरिका में कोविड-19 के प्रभावों का तुलनात्मक विवरण करते हुए मुख्य वक्ता ने कहा कि भारत में कोविड-19 के संक्रमण का दर तथा मृत्यु दर अमेरिका की अपेक्षा काफी कम है इसका प्रमुख कारण भारतीय लोगो की बेहतर रोग प्रतिरोधक तथा लॉकडाउन का बेहतर अनुपालन भी हो सकता है।

संक्रमण का तेजी से बढ़ना चिंता की बात है

हालांकि वर्तमान समय में भारत में संक्रमण का दर काफी तेजी से बढ़ रहा है जो चिंता का विषय है। नए सामान्य के बारे में बताते हुए डॉ अजय ने कहा कि संक्रमण के प्रसार के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों को तीन भागों में बांट कर संक्रमण की तीव्रता के आधार पर कार्य प्रारंभ किया जा सकता है। डॉक्टरों के अनुसार विटामिन सी तथा डी का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है इसके साथ ही पोषक तत्वों वाले आहार से भी लाभान्वित हुआ जा सकता है।

इसके पहले अपने स्वागत भाषण में महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रोफेसर एसपी शाही ने कहा कि ए एन कॉलेज के द्वारा लॉक डॉन के समय में विभिन्न अकादमिक गतिविधियां ऑनलाइन संचालित कर अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। प्रधानाचार्य ने मुख्य वक्ता को धन्यवाद देते हुए कहा कि बिहार के एक छोटे से गांव से निकल कर आज हावर्ड मेडिकल स्कूल जैसे संस्थान में पढ़ा कर डॉ अजय अपने गांव तथा राज्य को गौरवान्वित कर रहे हैं।

कार्यक्रम का संचालन आइक्यूएसी की ज्वाइंट कोऑर्डिनेटर डॉ रत्ना अमृत ने किया धन्यवाद ज्ञापन आइक्यूएसी के समन्वयक डॉ अरुण कुमार ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के बरसर प्रोफेसर अजय कुमार वरिष्ठ प्राध्यापक प्रोफेसर शैलेश सिंह, प्रो. तृप्ति गंगवार , प्रो. प्रीति सिन्हा , डॉ नूपुर बोस समेत महाविद्यालय के कई शिक्षक तथा देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षक तथा छात्र उपस्थित रहे।