समस्तीपुर : समस्तीपुर संसदीय क्षेत्र में इस बार मुकाबला सीधी टक्कर वाला है। सिटिंग एमपी रामचंद्र पासवान के सामने कांग्रेस के अशोक कुमार की जोरदार चुनौती है। हालाँकि पिछली बार पराजित हुए कांग्रेस प्रत्याशी का पलड़ा इस बार भारी माना जा रहा है। लोगों में अपने वर्तमान सांसद को लेकर नाराजगी का आलम यह है कि कुशेश्वरस्थान में रामचन्द्र पासवान के समर्थन में प्रचार को आए मुख्यमंत्री की सभा में भी कुछ खास भीड़ नहीं जुट सकी।
वर्तमान में समस्तीपुर सीट पर लोजपा का कब्जा है और लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान के भाई रामचंद्र पासवान सांसद हैं। 2014 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ. अशोक कुमार को मोदी लहर में तकरीबन 10000 वोटों से हराया था। पासवान को 273654 वोट मिले थे जबकि अशोक कुमार को 263529 वोट। रामचंद्र पासवान की शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो वे मैट्रिक पास हैं। पिछले चुनाव में पासवान काफी कम वोट के अंतर से जीते थे। पासवान को जहां 31.33 प्रतिशत वोट मिले तो वहीं अशोक कुमार को 30.53 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे। 2014 के चुनाव में एक दिलचस्प बात यह भी रही कि यहां वोटरों ने नोटा का बटन भरपूर दबाया। कुल 3.38 प्रतिशत वोट के साथ कुल 29,211 नोटा दर्ज हुए। इस चुनाव में खास बात यह भी रही कि जेडीयू के ज्यादातर वोट एलजेपी को ट्रांसफर हुए जबकि कांग्रेस को उसके कोर वोट ही प्राप्त हुए।
रामचंद्र पासवान का राजनीतिक सफर
लोजपा सांसद रामचंद्र पासवान संसद की कुल बहसों में मात्र 2 बार शामिल हुए हैं। अपने पांच साल के कार्यकाल में उन्होंने एक भी प्राइवेट मेंबर बिल पास नहीं किया। बहस के दौरान उन्होंने मात्र 3 सवाल पूछे। संसद में उनकी कितनी हाजिरी रही, इसका ब्योरा उपलब्ध नहीं है।
2009 के चुनाव में जेडीयू प्रत्याशी महेश्वर हजारी विजयी रहे थे। उन्होंने लोजपा उम्मीदवार रामचंद्र पासवान को पराजित किया था। हजारी को कुल 259458 लोट मिले जबकि पासवान को 155082 वोट हासिल हुए। इससे पहले 2004 के चुनाव में आरजेडी के आलोक कुमार मेहता ने जेडीयू प्रत्याशी रामचंद्र सिंह को हराया। इस चुनाव में मेहता को 437457 वोट मिले जबकि रामचंद्र सिंह को 310674 वोट मिले थे ।
समस्तीपुर संसदीय क्षेत्र एक नजर में
समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र में कुल छह विधानसभा सीटें हैं। इनमें कल्याणपुर (सु.), समस्तीपुर, वारिसनगर, रोसड़ा के साथ दरभंगा जिले के हायाघाट और कुशेश्वरस्थान (सु.) क्षेत्र शामिल हैं। रोसड़ा विधानसभा क्षेत्र पर कांग्रेस का कब्जा है, वहीं समस्तीपुर सीट पर राजद का। कल्याणपुर, वारिसनगर, हायाघाट एवं कुशेश्वरस्थान सीट पर जदयू का वर्चस्व है। विधानसभा क्षेत्र के हिसाब से जदयू का पलड़ा भारी दिख रहा है। इस बार जदयू एनडीए का हिस्सा है तो ऐसे में ये कयास लगाया जा रहा कि इसका फायदा लोजपा प्रत्याशी को मिलेगा। चार विस सीटों पर उसकी बढ़त है। 1467 प्रतिवर्ग किलोमीटर जनघनत्व वाले जिले की कुल आबादी 42 लाख 61 हजार 566 है। यहां का लिंगानुपात 911 है। साक्षरता दर 63.8 फीसद है। कुल मतदाताओं की संख्या 27 लाख 68 हजार 133 है।
सियासी मुकाबलों का इतिहास
समस्तीपुर लोकसभा सीट से 1980 में जनता पार्टी (एस), 1984 में कांग्रेस, 1989-1991-1996 में जनता दल ने जीत दर्ज की। जबकि 1998 में आरजेडी, 1999 में जेडीयू, 2004 में आरजेडी, 2009 में जेडीयू इस सीट से जीती। जेडीयू के महेश्वर हजारी 2009 में इस सीट से सांसद चुने गए। उसके बाद 2014 में यह सीट एलजेपी के नाम हो गई और रामचंद्र पासवान सांसद चुने गए।
पासवान का सांसद निधि खर्च
समस्तीपुर संसदीय क्षेत्र के लिए 25 करोड़ रुपए की राशि निर्धारित है। भारत सरकार द्वारा निर्देशित यह राशि ब्याज के साथ 26.88 करोड़ रुपए हुई। पासवान ने अपने क्षेत्र के लिए 41.93 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा जिसमें 28.50 करोड़ रुपए पास हुए। इसमें 23.93 करोड़ रुपए खर्च हुए। कुल राशि का 93.73 प्रतिशत हिस्सा खर्च हुआ और 2.95 प्रतिशत बचा रह गया। हालांकि संसद निधि खर्च करने के मामले में पासवान का रिकॉर्ड अच्छा ही रहा है। ऐसे में क्या इस चुनाव में भी जनता इनको दोबारा चुनती है, यह देखना दिलचस्प होगा।
अभिलाष चौधरी