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होलिका दहन सोमवार को,  जाने शुभ मुहूर्त   

नवादा : होली बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार है। होली में जितना महत्व रंगों का है उतना ही महत्व होलिका दहन का भी है। क्योंकि ये वही दिन होता है जब आप अपनी कोई भी कामना पूरी कर सकते हैं।  किसी भी बुराई को अग्नि में जलाकर खाक कर सकते हैं। होलिका दहन को हम होली के नाम से भी जानते हैं। जिस दिन होलीका जलाई जाती है, उसे हम छोटी होली भी कहते हैं। होलिका दहन से जुड़ी और कई सारी कहानियाँ हैं आइये जानें कौन थी होलिका, क्यों होता है होलिका दहन।

होलिका दहन की कथा :

हम सभी होली की पूर्व संध्या, यानी फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा  को होलिका दहन मनाते हैं। इसके साथ एक कथा जुड़ी हुई है। कहते हैं कि वर्षो पूर्व पृथ्वी पर एक अत्याचारी राजा हिरण्यकश्यपु राज करता था। उसने अपनी प्रजा को यह आदेश दिया कि कोई भी व्यक्ति ईश्वर की वंदना न करे, बल्कि उसे ही अपना आराध्य माने। लेकिन उसका पुत्र प्रह्लाद ईश्वर का परम भक्त था। उसने अपने पिता की आज्ञा की अवहेलना कर अपनी ईश-भक्ति जारी रखी। इसलिए हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र को दंड देने की ठान ली।

उसने अपनी बहन होलिका की गोद में प्रह्लाद को बिठा दिया और उन दोनों को अग्नि के हवाले कर दिया। दरअसल, होलिका को ईश्वर से यह वरदान मिला था कि उसे अग्नि कभी नहीं जला पाएगी। लेकिन दुराचारी का साथ देने के कारण होलिका भस्म हो गई और सदाचारी प्रह्लाद बच निकले। उसी समय से हम समाज की बुराइयों को जलाने के लिए होलिका दहन मनाते आ रहे हैं।

सार्वजनिक होलिका दहन :

हम लोग गांव  के बाहर सार्वजनिक रूप से होलिका दहन मनाते हैं। हिन्‍दू पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा की रात्रि ही होलिका दहन किया जाता है।

यानी कि रंग वाली होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। इस बार होलिका दहन 9 मार्च को किया जाएगा, जबकि रंगों वाली होली 10 मार्च को है। होलिका दहन के बाद से ही मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। कहते हैं कि होलिका दहन के साथ ही सारी नकारात्‍मक ऊर्जा समाप्‍त हो जाती है।

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त :

होलिका दहन की तिथि : 9 मार्च 2020

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ : 9 मार्च 2020 को सुबह 3 बजकर 3 मिनट से  पूर्णिमा तिथि समाप्‍त : 9 मार्च 2020 को रात 11 बजकर 17 मिनट तक

होलिका दहन मुहूर्त : शाम 6 बजकर 26 मिनट से रात 8 बजकर 52 मिनट ।