पटना/समस्तीपुर : लोकसभा चुनाव का तीसरा चरण गुजर जाने के बाद बिहार में महागठबंधन के अगुआ तेजस्वी यादव को अब नुकसान का अंदाजा लगने लगा है। यह कारण है कि आज पहली बार उन्होंने समस्तीपुर में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ मंच शेयर कर एकजुटता का प्रदर्शन किया। लेकिन यह उनके द्वारा देर उठाया गया कदम है जो तीन चरणों का चुनाव गुजरने के बाद ‘का वर्षा जब कृषि सुखाने’ जैसा है।
बिहार में महागठबंधन की एकजुटता पर लगातार सवाल उठते रहे हैं। बड़े दल कांग्रेस और राजद को ही एक मंच पर आने में तीन चरण का चुनाव गुजर गया। इससे पहले राहुल गांधी ने बिहार में पांच जगह जनसभाओं को संबोधित किया। लेकिन इन सभी जनसभाओं में तेजस्वी यादव ने एक भी रैली में हिस्सा नहीं लिया। इस बात को लेकर यह भी चर्चा उठी कि महागठबंधन में कुछ गड़बड़ जरुर है। उधर महागठबंधन के छोटे दल—हम, रालोसपा और वीआईपी भी महागठबंधन के बड़े दलों के बागियों से जूझ रहे हैं। सुपौल, मधुबनी, मोतिहारी में महागठबंधन के भीतर घात—प्रतिघात चरम पर दिखा।
खैर देर आए, दुरुस्त आये तेजस्वी ने आज राहुल गांधी के साथ समस्तीपुर में कांग्रेस प्रत्याशी के लिए वोट मांगा। समस्तीपुर के पटेल मैदान में आयोजित आज की रैली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि चौकीदार ने 15 लाख का झूठ बोला। केंद्र की एनडीए सरकार सिर्फ झूठ बोलती है और अमीरों की चौकीदारी करती है। वहीं तेजस्वी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि वे हर मोर्चे पर फेल हैं। वे पलटी मारने में उस्ताद हैं। नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी के नेताओं को उनसे शपथ पत्र लेना चाहिए कि वह अब अपना पक्ष नहीं बदलेंगे, क्योंकि इसमें वे माहिर हैं।
उनके दौर में बिहार में बहू—बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। उनके साथ ‘सृजन’ के घोटालेबाजों की टीम जुटी है जो देश को लूटने का सपना देख रही है। लेकिन हमलोग उनके सपने पूरे नहीं होने देंगे।
तेजस्वी ने कहा कि अभी तक मंच शेयर नहीं करना एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा था। इस महागठबंधन के नेता अभी राज्य में और बड़ी रैलियां और जनसभा करेंगे। आने वाले समय में आप जरूर देखेंगे कि मैं राहुल गांधी के साथ मंच साझा करूंगा।