गुजरात से नवादा लौटे 70 प्रवासी गांव से बहार खेत में हुए क्वारंटाइन

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नवादा : गुजरात से अपने घर लौटे 70 प्रवासी कामगारों को जब गांव के लोगों द्वारा व परिजनों द्वारा कोरोना महामारी के संक्रमण को देखते हुए घर में रहने की बजाए 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन में रहने की बात कही गई तब सभी कामगारों ने गांव से बहार खेत में खुद ही क्वारंटाइन की व्यवस्था कर ली।

जिले के नारदीगंज प्रखंड परमा गांव में शुक्रवार की देर शाम गुजरात से 70 प्रवासी गांव पहुंचे । गांव आने के बाद सभी प्रवासियों को स्वजनों व ग्रामीणों का आक्रोश झेलना पड़ा, उन्हें घर प्रवेश करने नहीं दिया गया। कहा गया कि दूसरे प्रदेश से आपलोग आये है, इस प्रदेश में महामारी का प्रकोप अधिक है। संक्रमण से बचाव होना आवश्यक है। इसके लिए सभी प्रवासी 14 दिनों तक एकांतवास बितायेंगे,आप सुरक्षित है,तभी परिवार व समाज सुरक्षित रह पायेगा। स्वजनों व ग्रामीणों की बात सुनने पर गांव पहुंचे प्रवासियों ने स्वेच्छा से गांव से बाहर खेत में अपना आशियाना बना लिया। और अपने आपको सुरक्षित रखकर परिवार व समाज को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मन मेंं संकल्प लिया।

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ईठ भट्ठा पर करते थे काम

अपने परिवार के भरण पोषण के लिए सभी प्रवासी श्रमिक गुजरात राज्य के ईठ भट्ठा पर काम करते थे,रोजगार बंद हो गया,लॉकडाउन की अवधि में गांव लौटना मजबूरी बन गया। परमा गांव आने वाले प्रवासियों में रविन्द्र चौहान,प्रतल चौहान,भोला चौहान,प्रहृल्लाद चौहान,रामप्रवेश चौहान,धनेश्वर चौहान,जलंधर चौहान समेत 70 प्रवासी शामिल है।

श्रमिक स्पेशल ट्रैन से लौट सभी कामगार

प्रवासियों ने बताया हमलोग सभी प्रवासी गुजरात से श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बरौनी होकर नवादा आये। यहां पहुंचने के बाद आईटीआई में पंजीकरण कराया गया,स्वास्थ्य जांच में सामान्य पाया गया,फिर हाथ में मुहर लगा दिया गया है,उसके बाद नारदीगंज प्रखंड भेज दिया,यहां पहुंचा,तब आदेश मिला कि आपलोग अपने अपने घर जायें,तब टै्रक्टर से गांव आया हूं। सरकारी व्यवस्था तो नहीं हो पायी है,लेकिन स्वजनां व ग्रामीणों के माध्यम से भोजन समेत अन्य सुविधाएं दिया जा रहा है।

क्या है अधिकारी का कहना

इस संबंध में सूचना जन सम्पर्क पदाधिकारी गुप्तेश्वर प्रसाद ने बताया देश के रेड जोन से आने वाले प्रवासियों को प्रखंड स्तर पर बनाये गये क्वारंटाइन सेंटर पर रखना होगा। इस जोन में सूरत,अहमदाबाद,मुम्बई,पुणे,दिल्ली-एनसीआर,कोलकता को शामिल किया गया है। सभी को पंजीकरण कराने के बाद प्रखंड स्तर पर क्वारंटाइन सेंटर में रखना है,उन्हें डिग्निटी कीट भी देना है। इसके अलावा अन्य शहरो से आनेवाले प्रवासी को होम क्वारंटाइन होंगे,उन्हें भी पंजीकरण करने के बाद 1000 हजार रूपये उनके खाते पर भेजा जायेगा,और डिग्निटी कीट के साथ घर घर जाकर स्क्रींनिंग किया जायेगा। कहा गया पंचायत स्तर पर बनाये गये क्वारंटाइन सेंटर को बंद कर दिया गया है।

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