पटना : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में कुशासन और लूटतंत्र किस कदर हावी है इसकी असलियत जानने के लिए आपको विगत 10 वर्षों की CAG रिपोर्ट पढ़नी चाहिए। CAG ने सृजन घोटाले के बारे में वर्षों पूर्व ही आगाह किया लेकिन मुख्यमंत्री ने सब जानते हुए भी 3000 करोड़ से अधिक की लूट होने दी।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिहार सरकार के विभिन्न विभागों व बजट में इतनी वित्तीय विसंगतियाँ और अनियमितताएँ है कि सीएजी हर वर्ष हमेशा उन पर सवाल खड़ा करता है। वर्षों-वर्ष से सारे विभागों के उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किए गए है। ख़ज़ाने में भारी लूट मची है। विगत 16 वर्षों में हज़ारों हज़ार करोड़ के 65 से अधिक सरकार द्वारा मान्य, सत्यापित और स्वीकृत घोटाले हो चुके है।
मुख्यमंत्री आवास तक सीधी पहुँच कैसे
तेजस्वी ने कहा कि मुख्यमंत्री इन घोटालों पर कभी नहीं बोलेंगे। मुख्यमंत्री जी शराबबंदी के नाम पर प्रदेश में चल रही 20 हज़ार करोड़ की अवैध समानांतर अर्थव्यवस्था पर भी कुछ नहीं बोलेंगे क्योंकि यह सब सीधे उनके संरक्षण में होता है। अगर ऐसा नहीं होता तो वो दोषियों पर कभी कोई कारवाई क्यों नहीं करते? सभी घोटालेबाज और माफ़िया की मुख्यमंत्री आवास तक सीधी पहुँच कैसे है?
शराबबंदी पर क्या कहे? पूरा देश जानता है बिहार में शराबबंदी की क्या स्थिति है? आज एक ही दिन में बिहार में ज़हरीली शराब पीने से 14 लोगों की मौत हो गयी। शब्द नहीं है क्या कहूँ?
शराबबंदी पर जब हम मुख्यमंत्री को आँकड़ों, तथ्यों के साथ यथास्थिति से अवगत कराते है तो वह आगबबूला हो जाते है। दोषी अधिकारियों पर कारवाई की बात करते है तो वो भ्रष्ट बाबुओं के संरक्षक बन जाते है। ज़हरीली शराब से मरने वाले और जेल जाने वाले सभी गरीब वर्गों के है। माफिया तो मौज करता है और हर रोज करता है। बिहार भगवान भरोसे चल रहा है।