नयी दिल्ली : करीब 17 दिनों से जारी सियासी संकट के बीच आज शुक्रवार को फ्लोर टेस्ट से पहले ही मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने इस्तीफा दे दिया। कल गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने झटका देते हुए कमलनाथ सरकार को फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था। इसके बाद सबकी निगाहें आज की विधानसभा कार्यवाही पर टिकी थी। लेकिन उससे पहले ही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया।
कमलनाथ ने मीडिया के सामने किया ऐलान
मीडिया के सामने कमलनाथ ने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि 15 महीने में मैंने और मेरी सरकार ने जिस तरह से काम किया, उसे यहां की जनता ने देखा। हमारे ऊपर कोई भी आरोप नहीं लगा सकता। कमलनाथ ने भाजपा के साथ ही अपनी पार्टी के बागियों पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि धोखा देने वालों को मध्य प्रदेश की जनता माफ नहीं करेगी। भाजपा पर हमला करते उन्होंने कहा कि सरकार बनने के पहले दिन से वे हमारे खिलाफ षडयंत्र करने लगे। भाजपा को 15 साल मिले थे और मुझे केवल 15 महीने। आखिर हमारा क्या कसूर था।
सुप्रीम कोर्ट ने आज फ्लोर टेस्ट का दिया था आदेश
उधर, कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले बाकी 16 विधायकों का भी इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया। मध्य प्रदेश विधानसभा के स्पीकर ने गुरूवार की देर रात कहा कि 10 मार्च को जिन विधायकों ने इस्तीफा सौंपा था, उन सभी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट कोर्ट ने गुरूवार को अपने आदेश में कहा कि अगर बागी विधायक फ्लोर टेस्ट के लिए विधानसभा आने चाहते हैं तो कर्नाटक और मध्य प्रदेश के डीजीपी उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कराएं।