- मिथिला पंचांग के अनुसार 17 जून को ही समाप्त हो चुका मुहूर्त
नवादा : पहली जुलाई से सनातन धर्मावलंबियों के शादी-ब्याह के शुभ मुहूर्त पर चातुर्मास के चलते चार महीने का ब्रेक लग जायेगा। पहली जुलाई को हरिशयन एकादशी है। मान्यता है कि इस एकादशी से प्रभु श्री हरि शयन को चले जाते हैं। इसके साथ ही चातुर्मास शुरू हो जाता है।
चातुर्मास में सनातन धर्मावलंबियों के शादी ब्याह के शुभ मुहूर्त नहीं बनते हैं। हालांकि हृषिकेश पंचांग में हरिशयन एकादशी से पहले 29 से 30 जून तक शादी-ब्याह के मात्र दो शुभ मुहूर्त बचे हैं। दूसरी ओर मिथिला पंचाग के हिसाब से शादी-ब्याह के शुभ मुहूर्त 17 जून को ही समाप्त हो गये हैं। हृषिकेश पंचांग के हिसाब से चातुर्मास के बाद 25 नवंबर से शादी-ब्याह के शुभ मुहूर्त शुरू होंगे। वहीं मिथिला पंचांग के मुताबिक 1 दिसंबर से शुभ विवाह के मुहूर्त शुरू होंगे।
महावीर और हृषीकेश पंचांगों के हिसाब से आषाढ़ शुक्ल पक्ष में 30 जून दशमी तिथि तक ही शादी-ब्याह के शुभ मुहूर्त हैं। आषाढ़ शुक्ल एकादशी यानी बुधवार एक जुलाई को हरिशयन और चातुर्मास शुरू हो जाएगा। हरिशयनी एकादशी के बाद अगला विवाह विवाह मुहूर्त 25 नवंबर से शुरू हो रहा है। हरि प्रबोधिनी एकादशी भी 25 नवंबर को है। इसी दिन से अगले विवाह के मुहूर्त शुरू हो रहे हैं।
मिथिला पंचांग में इस वर्ष अब केवल छह शुभ मुहूर्त :
मिथिला पंचांग के अनुसार इस वर्ष अब केवल छह शुभ मुहूर्त बचे हैं। मिथिला पंचांग में चातुर्मास के समाप्त होने के बाद नवंबर माह में एक भी शुभ विवाह मुहूर्त नहीं हैं। हालांकि 25 नवंबर को ही चातुर्मास समाप्त हो जाता है। जबकि दिसंबर माह में केवल छह शुभ विवाह के मुहूर्त हैं 14 दिसंबर तक।
इस वर्ष अब 17 शुभ मुहूर्त :
इस वर्ष शादी ब्याह के अब 17 शुभ मुहूर्त ही बचे हैं। इसमें जून में दो,नवंबर में दो और दिसंबर में 10 शुभ विवाह मुहूर्त हैं। इस वर्ष चातुर्मास समाप्त होने के बाद 25 नवंबर से 14 दिसंबर तक केवल 12 शुभ विवाह मुहूर्त हैं।
जून में शुभ विवाह के मुहूर्त
(महावीर और हृषिकेश पंचांग, बनारस के अनुसार)
सोमवार 29 जून, मंगलवार 30 जून।
नवंबर में विवाह मुहूर्त (बनारस पंचांग के अनुसार)
25 नवंबर, 30 नवंबर
दिसंबर में विवाह मुहूर्त (हृषिकेश पंचांग)
1, 2 , 6 ,7 , 8 ,9 ,10 ,11,13 ,14
मिथिला पंचांग के अनुसार ,शुभ विवाह मुहूर्त:
दिसंबर में :2, 6, 7, 10, 11, 14
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