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कोरोना संकट से निपटने के लिए अश्विनी चौबे ने वैज्ञानिकों एवं शिक्षाविदों से की बातचीत

पटना: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने देश के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों एवं शिक्षाविदों से कोविड-19 विषय पर बातचीत की। इस संक्रमण काल में उनका अनुभव जाना। एक दूसरे से सभी ने कोविड-19 के विषय पर अपना अनुभव साझा किया।

आईडिया और इनोवेशन से देश को नई दिशा मिलेगी

नेशनल यूथ काउंसिल ऑफ़ इंडिया ने “थिंक टैंक ऑन कोविड-19” विषय पर ऑनलाइन सत्र का आयोजन किया था। इसमें 12 से अधिक वैज्ञानिकों एवं शिक्षाविदों ने अपने विचार रखे। इन सभी ने कोविड-19 को लेकर भारत सरकार की तैयारियों एवं उठाये जा रहे कदमों की सराहना की। मंत्री चौबे ने वैज्ञानिकों एवं शिक्षाविदों से कहा कि कोविड-19 के विरुद्ध जंग में देशवासी एकजुट होकर अपनी क्षमता के अनुसार देश की सेवा में जुटे हुए हैं। संकट की इस घड़ी में वैज्ञानिकों एवं शिक्षाविदों की महत्वपूर्ण भूमिका है। वे अपने आइडिया एवं इनोवेशन से समाज एवं देश को नई दिशा दे सकते हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी सुविधाएं प्रदान करना होगा

ब्रह्मोस एयरोस्पेस के संस्थापक अध्यक्ष पद्म भूषण डॉ शिवनाथन पिल्लई ने अपना विचार रखा। उन्होंने कहा कि यह मुश्किल घड़ी है। इस समय हम सभी को संकल्प और संयम दिखाने जरूरत है। उन्होंने अपने विचार से अवगत कराते हुए कहा कि हमारे देश के ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अब्दुल कलाम के विचार को लागू करके, ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी सुविधाएं प्रदान करना और ग्रामीण भारत के बुनियादी ढांचे का विकास करना जरूरी है। जिससे कि रोजगार के नए क्षेत्र का सृजन हो सके।

पद्मश्री डॉ मायलस्वामी अन्नादुराई, पूर्व निदेशक ने इनोवेशन पर फोकस करने पर बल दिया। डॉ विश्वनाथन, अन्ना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति ने अनुसंधान और विकास के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए मंत्री को अपने विचार दिए हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा एवं स्वास्थ्य महत्वपूर्ण स्तंभ है। लोगों में जागरूकता के लिए दोनों क्षेत्रों पर निरंतर अनुसंधान होते रहना चाहिए। जिससे समाज देश को नई दिशा मिले। ऑनलाइन सत्र में एक दर्जन से अधिक वैज्ञानिकों एवं शिक्षाविदों ने भाग लिया।