पटना: कोरोना के इस संकट काल में कुछ कर्मवीर ऐसे हैं जो प्रसिद्धि से दूर बिना थके, बिना रूके जरूरतमंदों तक अनाज व अन्य आवश्यक सामान पहुंचा रहे हैं। इसके साथ ही उनसे बातचीत कर के उनका उत्साह भी बढ़ा रहे है। बिना शोरगुल और भीड़भाड़ के लाखों परिवारों तक संकट के काल में सहायता पहुंचाने के इस काम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से प्रशिक्षण प्राप्त पटना महानगर के पांच सौ से अधिक कार्यकर्ता लगे हुए हैं।
आरएसएस सीधे तौर पर कुछ भी नहीं कर रहा है। लेकिन, इस संकट के काल में उसके सांगठनिक कौशल, समन्वय संस्कार व प्रसिद्धि परांगमुखता की विशेषता वाले उसके स्वयंसेवक महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं।
एक मंच बनाकर चुपचाप अनवरत इस काम में लगे हुए इन कार्यकर्ताओं दायित्व विभाजन व उसके समन्वय से बड़े काम को अंजाम देने का एक अद्भुत मॉडल दिया है। जाहिर है कि लाखों परिवारों तक अनाज व अन्य सामान पहुंचाना है तो अस्थायी भंडार की भी व्यवस्था करनी होगी। इस संकट के कारण संघ की सारी गतिविधियां फिलहाल स्थगित हैं तो संघ कार्यालय के बड़े हॉल व कमरे, भंडारण के काम में उपयोग किए जा रहे हैं।
बड़े स्तर पर वितरण पॉकेट बनाए जाने हैं तो संघ कार्यालय के अलावा स्वयं सेवकों के घर पर भी पॉकेट निर्माण का कार्य चल रहा है। वरिष्ठ स्वयंसेवकों की एक टोली ऐसी है जो संसाधन सम्पन्न व्यक्तियों से सम्पर्क कर चावल, आटा, साबुन, सेनिटाइजर जैसे पदार्थों की व्यवस्था करा रही। इसके साथ ही मुहल्लों में रहने वाले स्वयंसेवक प्रातः काल शाखा न जाकर अपने मुहल्ले के जरूरत मंदों की सूची तैयार कर रहे हैं और उनतक सहायता पहुंचाने के काम में सहयोग कर रहे हैं।
संघ के इन स्वयंसेवकों के अलावे संघ के विविध संगठनों द्वारा भी इस प्रकार के सेवा व सहायता के कार्य किए जा रहे हैं। विद्या भारती ने यह घोषणा की है कि उनके विद्यालय क्षेत्र के आसपास कोई भी भूखा नहीं रहेगा। इसी प्रकार उद्योग भारती ने वितरण के लिए सेनिटाइजर व पॉकेट की व्यवस्था करायी है।