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कोरोना संकट के मद्देनजर अनुदान व केन्द्रांश की राशि पहली तिमाही में ही जारी करें केन्द्र- उपमुख्यमंत्री

पटना : कोरोना संकट के दौरान राजस्व संग्रह में हुई भारी कमी के मद्देनजर बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिख कर पंचायती राज संस्थाओं व शहरी निकायों को 15 वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर मिलने वाले 7,434 करोड़ के अनुदान के साथ विश्वविद्यालय शिक्षकों के वेतन पर होने वाले व्यय व समग्र शिक्षा अभियान का केन्द्रांश पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में ही जारी करने की मांग की है।

मोदी ने पत्र में लिखा कि 15 वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर 2020-21 में राज्य की पंचायती राज संस्थाओं को 5,018 करोड़ व शहरी निकायों को 2,416 करोड़ रु. का अनुदान मिलना है।

उन्होंने पत्र में लिखा है कि उक्त राशि को पहली तिमाही में जारी करने से नल-जल व नली-गली योजना के कार्यान्वयन में सुविधा होगी। इसके अलावा माॅनसून शुरू होने के बाद काम कराना संभव नहीं हो पाएगा।

इसके साथ ही उन्होंने समग्र शिक्षा अभियान का केन्द्रांश भी जारी करने की मांग करते हुए कहा कि इस राशि का बड़ा हिस्सा प्रतिमाह 833 करोड़ यानी पहली तिमाही में 2499 करोड़ रु. नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान पर खर्च होगा। इस साल इस राशि में किसी प्रकार की कटौती नहीं करने का आग्रह करते हुए कहा है कि विगत वित्तीय वर्ष 2019-20 में 6,426 करोड़ केन्द्रांश के विरूद्ध मात्र 326.93 करोड़ ही प्राप्त हुआ था।

राज्य के विश्वविद्यालय शिक्षकों के वेतन पर पहली तिमाही में 999 करोड़ व्यय होगा। सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा पर विवि शिक्षकों के पुनरीक्षित वेतन मद में 767 करोड़ रु विश्वविद्यालयों को दिया जा चुका है। यूजीसी की शर्तों के अनुसार इसका 50 प्रतिशत केन्द्र सरकार को वहन करना है। इसलिए विवि शिक्षकों के वेतन मद का केन्द्रांश केन्द्र सरकार तत्काल जारी करें।