कोरोना, प्रवासन, तूफान और टिड्डियां : मन की बात में सबकी काट

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नयी दिल्ली : लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रविवार को 65वीं बार ‘मन की बात’ करते हुए कोरोना, मजदूरों के प्रवास, बंगाल में सुपर साइक्लोन अम्फान, टिड्डियों के हमले समेत तमाम मुद्दों पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि देश को अनलॉक करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ऐसे में हमारी जवाबदेही अब और ज्यादा बढ गई है। अब हमें और सतर्क रहना होगा। विश्व को हमसे काफी उम्मीदें हैं। हमारे देश के लैब में हो रहे कोरोना वैक्सीन के काम पर पूरी दुनिया की नजर है। आज यदि सभी राज्य आत्मनिर्भर होते तो प्रवासियों के साथ कोई दिक्कत नहीं पेश आती।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘प्रवासी मजदूरों को देखते हुए नए कदम उठाना जरूरी हो गया है। हम उस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। माइग्रेशन कमिशन बनाने की बात हो रही है। केंद्र सरकार के फैसलों से रोजगार मिलने वाले हैं। ये फैसले आत्मनिर्भर भारत के लिए हैं।

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आत्मनिर्भर भारत में हमारी सभी समस्याओं का हल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गांवों में हमारी बेटियां हजारों की संख्या में मास्क बना रही हैं। कितने ही उदाहरण रोजाना दिखाई और सुनाई देते हैं। लोग अपने प्रयासों के बारे में मुझे नमो ऐप के जरिए बता रहे हैं। कई बार मैं समय की कमी के चलते नाम नहीं ले पाता हूं। ऐसे सभी लोगों की मैं प्रशंसा करता हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘इस दौरान पढ़ाई के क्षेत्र में भी कई अलग अलग इनोवेशन शिक्षकों और छात्रों ने मिलकर किए हैं। ऑनलाइन क्लासों को शुरू किया गया है। कोरोना की दवा पर हमारी लैब में जो काम हो रहा है, उसपर पूरी दुनिया की नजर है।’

भारतीय योग पद्धति अपना रही दुनिया, हम क्यों नहीं? ये तो हमारा है

पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना संकट के इस समय में योग आज इसलिए भी ज्यादा अहम है, क्योंकि वायरस हमारे रेस्पिरेट्री सिस्टम को सबसे अधिक प्रभावित करता है। योग में तो इसको मजबूत करने वाले कई तरह के प्राणायाम हैं, जिनका असर हम लंबे समय से देखते आ रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई का रास्ता काफी लंबा है। इस दौरान हम सभी नई-नई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारे डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, सफाईकर्मी, पुलिसकर्मी, मीडिया के साथी ये सब जो सेवा कर रहे हैं, उसकी चर्चा मैंने कई बार की है। ‘मन की बात’ में भी मैंने उसका जिक्र किया है। सेवा में अपना सब कुछ समर्पित कर देने वाले लोगों की संख्या अनगिनत है।’

उन्होंने कहा कि दूसरों की सेवा में लगे व्यक्ति के जीवन में कोई अवसाद या तनाव कभी नहीं दिखता। उसके जीवन में भरपूर आत्मविश्वास, सकारात्मकता और जीवंतता प्रतिपल नजर आती है। देशवासियों की संकल्पशक्ति के साथ एक और शक्ति इस लड़ाई में हमारी सबसे बड़ी ताकत है और वो है-देशवासियों की सेवाशक्ति।

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