पटना: सूबे में बाढ़ की तरह आ रही मजदूरों की संख्या को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज उच्चस्तरीय बैठक कर अधिकारियों को चिकित्सीय उपकरणों को लेकर आगाह करते हुए कहा कि प्रवासी मजदूरों की हर हालत में टेस्ट करें और उन्हें सरकार द्वारा देय सुविधा की गारंटी लें।
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बिहार सहित सात राज्यों को अलर्ट करते हुए दो दिनों पहले ही कहा था कि बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या को नियंत्रित करना होगा। बिहार के संदर्भ में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा था कि असली कोरोना समस्या वहां जून-जुलाई में आएगी। उधर, संगठन के ईमरजेंस चीफ ईयान माइकल ने भी पूरी दुनिया को सावधान किया था।
कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या से सीएम को कराया अवगत
मुख्यमंत्री ने जानना चाहा कि मरीजों को किस तरह का उपचार किया जा रहा है तथा उन्हें क्वेरन्टाईन सेंटरों में किस तरह रखा जा रहा है। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि आज संख्या बढ़ कर 3006 पहुंच गई है। डेथ रेट तो कम है, पर मरीजों की संख्या मजदूरों के आने के साथ ही बढ़ती जा रही है। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक कुमार, विभाग के प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत सहित कई अधिकारी मौजूद थे।
मजदूरों की घर वापसी का सिलसिला शुरू
बैठक में कहा गया कि मजदूरों के आने का सिलसिला अभी जारी है। अधिकतर मजदूर मुंबई, सुरत, राजस्थान तथा दिल्ली से आ रहे हैं। स्पेशल रेल के खुलने के साथ ही मजदूर घर वापस आने लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने आश्वस्त किया कि पीएचसी से लेकर सदर अस्पतालों तक को हर चिकित्सीय सुविधा प्रदान करने का निर्देश दिया गया है। क्वारेन्टाईन सेंटरों में भी मेडिकल सुविधा के साथ मेन्यू के अनुसार भोजन दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे पुनः सेंटरों का अवलोकन वीसी के माध्यम से कर पीड़ितों का हालचाल जानेंगे।
चीनी मिलों को रोजगार सृजन का दिया निर्देश
इससे इत्तर, जानकारी मिली है कि सभी कार्यरत चीनी मिलों को निर्देश दिया गया है कि वे मजदूरों को रोजगार देकर उनकी व्यवस्था करें। नीतीश कुमार ने संकल्प लिया है कि मजदूरों को अब हर हाल में यहीं रोजगार प्रदान किया जाएगा।