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कोरोना से लड़ाई में नवादा के लोगों ने लिया ये संकल्प, क्या आप देंगे साथ ?

नवादा : कोरोना महामारी को ले सरकार लगातार लोगों को इसके प्रति जागरूक कर रही है। सरकार के द्वारा किए जा रहे प्रयासों का असर अब धरातल पर दिख रहा है। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लोगों ने अब कमर कस ली है। जागरूक लोगों ने पान-गुटखा, तंबाकू आदि को छोड़ने का संकल्प ले लिया है।

बता दे कोरोना के संक्रमण को देखते हुए राज्य व केंद्र सरकार पान-गुटखा की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। और सार्वजनिक जगहों पर बलगम वगैरह थूकने पर प्रतिबंध लगाया गया है और थूकते पकड़े जाने पर एक हजार जुर्माना एवं छह माह की सजा का भी प्रावधान है।

सजग लोगों ने यह माना की पान-गुटखा, बीड़ी व सिगरेट के उपयोग से कोरोना के प्रसार का खतरा है। अक्सर सिगरेट लोग आपस में शेयर कर पीते है जिससे संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे तक फ़ैल सकता है वहीं पान, खैनी व गुटखा भी लोग शेयर करते है और खाकर इधर-उधर थूकते रहते है जिससे संक्रमण का खतरा और बढ़ जाता है। इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए कुछ लोगों ने पान-गुटखा व सिगरेट छोड़ने का संकल्प लिया है।

इन्होने लिया संकल्प, दिखेगा बदलाव

करीब पंद्रह साल से पान-गुटखा का सेवन कर रहे थे। लॉकडाउन के कारण सभी पान-गुटखा की दुकानें बंद है। और पान-गुटखा नहीं मिल रहा है। साथ ही घर से बाहर नहीं निकलने की मनाही है। घर से बाहर नहीं निकलने के कारण पान-गुटखा नहीं खा रहे हैं। पंद्रह साल की लत छूट चुका है। पान-गुटखा नहीं सेवन करने का संकल्प लिया हूं। समाज के सभी लोग पान-गुटखा का त्याग करें, विजय कुमार गुप्ता,पुरानी बाजार, नवादा।

सुबह होते ही पान-गुटखा लेने के लिए घर से निकल जाते थे। करीब दस साल से लगातार गुटखा का सेवन कर रहे थे। इसके सेवन से स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा था। दांत भी काफी गंदा हो गया। और आर्थिक नुकसान भी होता था। लॉकडाउन होने के बाद 38 दिनों से घर में बंद हैं। और पान-गुटखा की दुकानें बंद है। लॉकडाउन में एक दिन भी गुटखा का सेवन नहीं किया। अब तो गुटखा खाने का मन भी नहीं करता है। और दस साल की लत को हमेशा के लिया त्यागने का संकल्प लिया हूं, प्रदीप कुमार, मिर्जापुर, नवादा।

पान-गुटखा का सेवन करीब 12 साल लगातार कर रहा था। इससे स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा था। और आर्थिक रूप से नुकसान भी हो रहा था। लॉकडाउन होने के बाद घर से बाहर नहीं निकलें हैं। घर में रहने के कारण पान-गुटखा का सेवन नहीं कर रहे हैं। साथ ही लॉकडाउन में पान-गुटखा की दुकानें भी बंद है। लॉकडाउन में बारह साल का पुराना पान-गुटखा की लत छूट गई। इसे हमेशा के लिए त्यागने का संकल्प लिया हूं। समाज के हरएक लोग पान-गुटखा का सेवन नहीं करें, उदय पासवान, पुरानी पोस्टमार्टम रोड, नवादा।

पान-गुटखा का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसके सेवन से कई प्रकार की बीमारियां होती है। साथ ही आर्थिक नुकसान भी होता है। सरकार की ओर से पान-गुटखा खाकर इधर-उधर थूकने पर प्रतिबंध लगाया गया है। और जुर्माना व सजा का भी प्रावधान है। लॉकडाउन के कारण पान-गुटखा की सभी दुकानें बंद है। मैं करीब 10 साल से पान-गुटखा का सेवन कर रहा था। लॉकडाउन में एक दिन भी सेवन नहीं किया। और अब इसे हमेशा के लिए त्यागने का संकल्प ले चुका हूं, गौतम कुमार, फतेहपुर, अकबरपुर, नवादा।

लाखों का कारोबार हुआ प्रभावित

नगर के संजय कुमार, पंकज कुमार, मुकेश कुमार समेत कई दुकानदारों ने बताया कि लॉकडाउन में 39 दिनों से दुकान बंद है। शहर में करीब सैकड़ों पान-गुटखा की दुकानें संचालित हो रही है। नगर बाजार में प्रतिदिन 10 से 15 लाख रूपये का कारोबार होता था। लॉकडाउन के कारण लाखों का कारोबार प्रभावित हो रहा है। और दुकानदारों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।

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