कोरोना के संकटकाल के बाद तेजी से उभरेगा भारत: इंद्रेश कुमार

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2020 कोरोना वायरस से लड़ते-लड़ते बीतेगा

रांची: आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य व मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक इंद्रेश कुमार ने कहा कि वर्तमान में हम सभी एक बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रहे हैं। यह सिर्फ संकट काल नहीं बल्कि परिवर्तन का भी काल है। झारखण्ड चैतन्य परिषद के फेसबुक लाइव कार्यक्रम में इंद्रेश कुमार ने कहा कि वर्ष 2020 कोरोना वायरस से लड़ते-लड़ते ही बीतेगा।

खुद पर करना होगा नियंत्रण

भारत के लिए भी और विश्व के लिए भी। वायरस कभी बढ़ेगा, कभी घटेगा परंतु इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। हम इसपर विजय हासिल करेंगे। दुनिया में आर्थिक मंदी का संकट आएगा। हम सब उससे प्रभावित होंगे। इसका एक ही समाधान है कि हम सब खुद पर नियंत्रण करें। यदि खुद को हमने नियंत्रण में कर लिया तो निश्चित रूप से हम आर्थिक मंदी से सबसे पहले उबरेंगे।

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दुनिया भोगवादी, हमलोग संयमित जीवन जीने वाले

दुनिया के जितने भी विकास के आर्थिक मॉडल थे, कोई भी कोरोना के मार को झेल नहीं पाए। दुनिया के बड़े-बड़े देश धराशाई हो गए, परंतु भारत आज भी अच्छे से खड़ा है। यह सच है कि हम सबको संकटों का सामना करना पड़ रहा है और आगे भी करना होगा परंतु दूसरे देशों से कम संकट हमारे पास होंगे। दुनिया के बाकी देश भोगवादी जीवन जी रहे थे और हम हमेशा से संयमित जीवन जीने वाले। ऐसे में हमारे पास संयम, करुणा, सद्भाव जैसे गुण जन्म से ही होते हैं। यही सब गुण हमें इस मंदी से जल्द ही बाहर निकालेंगे और हम अन्य देशों की तुलना में मजबूत होंगे।

हालांकि कुछ हद तक भारत में भी भोगवादी मॉडल चलने लगा था परंतु हम इतने संयमित रहे थे कि हम खुद को संभालने में सफल हो गए। वक्त के साथ हमने अपनी जरूरतों के साथ जीना सीखा। हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता दुनिया से अच्छी है।

यह वक्त है, जब हम अपने लिए कम इस्तेमाल करें और समाज को अधिक से अधिक दे सकें। हिंदू,मुस्लिम, सिख, पारसी, ईसाई हर धर्म में इस की शिक्षा दी गई है। कोविड-19 वही दौर लेकर आया है कि हम अधिक से अधिक लोगों की मदद कर सकें।

सबके लिए एक कॉमन है, वह है ऊपर वाला

कोरोना संकट के इस काल में हम सब ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं। हर धर्म संप्रदाय हमें यही सिखाता है कि हम कट्टर नहीं बने। नेक बने,अच्छे बने, और सच्चे बने। आप देखेंगे कि हम सब भगवान, अल्लाह, गॉड, फादर जैसे अलग-अलग नामों से उसे पुकारते हैं और अपनी प्रार्थनाएं करते हैं। लेकिन सबके लिए एक कॉमन वर्ड है, वह है ऊपर वाला। चाहे वह किसी भी धर्म संप्रदाय का हो। कुछ भी होने पर वह ऊपर वाले को ही याद करता है यानि अलग-अलग मार्ग होते हुए भी हम सब का रखवाला वह ऊपर वाला ही है। आज भी हम सभी ऊपर वाले से ही प्रार्थना करें।

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