कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न वैश्विक संकट की स्थिति में चैती छठ के अवसर पर गंगा के तट व बिहार के प्रसिद्ध प्राचीन सूर्य मंदिर उदास रहे। लेकिन, बिहार के वे परिवार जिनके यहां परंपरा से छठ व्रत का संकल्प चलता है। उन परिवार के लोगों ने शांतिपूर्वक अपने अपने घरों में ही छठ व्रत का पहला अर्ध्य सोमवार को दिया।
अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रतियों ने भगवान भास्कर से प्रार्थना की कि वे मानव समाज परछाई इस संकट को टालने की कृपा करें। गंगा, सरयू और सोन नदी के संगम पर स्थित चिरांद में चैती छठ के अवसर पर मेला व उत्साह का वातावरण रहता है। लेकिन, वहां भी कोई नहीं दिखा दिख रहे थे तो केवल बालू के टीले और नदियों में टिक्की नाव।
नाव की लंबी कतार के बीच देवी स्थित सूर्य मंदिर में कुछ स्थानीय लोग घाट पर दूरी बनाकर भगवान भास्कर को अर्घ्य देते दिखे। लेकिन, भगवान भास्कर के नगरी देव में सूर्य षष्ठी व्रत के अवसर पर भी सन्नाटा पसरा था। दुकानदार अपनी दुकानें बंद कर अपने-अपने घरों में बैठे थे।