पटना:- देशव्यापी लॉकडाउन के कारण देश के अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को लेकर राजनीति तेज है। इसी कड़ी में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रवासी मजदूरों को उत्तर प्रदेश लाने के लिए योगी सरकार को 1000 बसें देने का वादा की थी।
लेकिन, प्रियंका गांधी के इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए उत्तरप्रदेश सरकार ने एक पत्र लिखते हुए कहा कि प्रवासी मजदूरों के संदर्भ में आपके प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया है। इसलिए 1000 बसों की सूची चालक और उपचालक समेत उपलब्ध कराएं, जिसका उपयोग मजदूरों को लाने में किया जा सके। लेकिन, जो सूची कांग्रेस के द्वारा दिया गया उसमें बसों के बदले मोटरसाइकिल, स्कूटर का नाम सामने आया।
इसी को लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से 1000 बसों से मजदूरों को भेजने के लिए परमिशन मांगी थी। जब मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश के सरकार ने परमिशन दे दिया तो जो नंबर बसों का उन्होंने भेजा है, वो दरअसल स्कूटर, कार, जीप, ट्रक आदि का डिटेल भेज दिया गया है। कांग्रेस ने झूठ फरेब प्रोपोगंडा कर यूपी सरकार की छवि धुमिल करने की कोशिश की उसके लिए माफी माँगे।
कांग्रेस पार्टी का यह मजदूर परिवहन घोटाला है। जैसे बिहार में एक समय में चारा घोटाला हुआ था। जिसमें मोटरसाइकिल, स्कूटर और ऑटो रिक्शा से गाय भैंस और सांड ढोए जाते थे। गठबंधन का इससे बढ़िया कोई नमूना पूरे देश में नहीं मिलेगा।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि विपक्षी दल कब तक मजदूरों को ठगने और बरगलाने का काम करेंगे, देश को बचाने में लगिए। क्योंकि संगत से गुण होत है संगत से गुण जात।