पटना/दरभंगा : यूजीसी और एमएचआरडी विभिन्न भारतीय विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन माध्यमों से पीएचडी, एमफिल परीक्षा आयोजित करने की योजना बना रहे हैं यदि नया नियम लागू किया जाता है, तो आंतरिक परीक्षाएं ऑनलाइन ली जा सकती हैं।
लॉकडाउन ने महत्वपूर्ण तारीखों और कार्यों से जूझ रहे छात्रों और संस्थानों को छोड़ दिया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और मानव संसाधन विकास मंत्रालय विभिन्न भारतीय विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन माध्यमों से पीएचडी, एमफिल परीक्षा आयोजित करने की योजना बना रहे हैं। यूजीसी और एमएचआरडी ने संबंधित विश्वविद्यालयों को योजना में इस बदलाव के बारे में सूचित किया है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा, “पीएचडी, एमफिल परीक्षा, प्रैक्टिकल, वाइवा आदि का संचालन स्काइप या किसी अन्य मीटिंग ऐप के माध्यम से किया जा सकता है।”
नए बदलाव से कॉलेज और छात्र बिना किसी देरी के परीक्षा दे सकेंगे। यदि नया नियम लागू किया जाता है, तो आंतरिक परीक्षाएं ऑनलाइन ली जा सकती हैं। छात्रों के चिरायु परीक्षण स्काइप या किसी अन्य समान मीटिंग ऐप्स के माध्यम से भी किए जा सकते हैं।
आईएएनएस की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लॉकडाउन हटने के बाद विश्वविद्यालय नियमित कक्षाएं फिर से शुरू कर सकेंगे। रिपोर्ट का दावा है कि प्रथम वर्ष की कक्षाएं 1 सितंबर से शुरू होंगी जबकि दूसरे और तीसरे वर्ष के लिए कक्षाएं 1 अगस्त से शुरू होंगी। हालांकि, विभिन्न कॉलेजों के छात्रों को अभी भी जुलाई में बुनियादी परीक्षाओं के लिए उपस्थित होना होगा।
यूजीसी ने ऑनलाइन परीक्षा के महत्व पर जोर देना जारी रखा है और विश्वविद्यालयों को आंतरिक परीक्षा ऑनलाइन करने की सिफारिश की है जिसमें आंतरिक परीक्षा भी शामिल है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की सलाह का पालन करते हुए, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने विभिन्न विश्वविद्यालयों के लिए प्रवेश परीक्षा के फॉर्म भरने की तिथि बढ़ा दी है।
एनटीए के आदेशों के अनुसार, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नेशनल काउंसिल फॉर होटल मैनेजमेंट ‘जी ’की प्रवेश परीक्षाओं के लिए फॉर्म भरने और इग्नू से पीएचडी और एमबीए के लिए फॉर्म 15 मई तक बढ़ा दिए गए हैं।
मुरारी ठाकुर