चिरांद में गरीबों के बीच बांटे गए कंबल, प्राकृतिक चिकित्सा से स्वास्थ्य जांच
सारण/डोरीगंज : गंगा, सरयू और सोन नदियों के संगम पर स्थित चिरांद में आज मंगलवार को सेवा सद्भावना समारोह का आयोजन कर गरीबों के बीच कंबल का वितरण किया गया। समारोह का आयोजन चिरांद के विकास एवं इसके गौरवशाली अतीत की स्थापना के लिए कार्य कर रहे संगठन चिरांद विकास परिषद ने किया था। इस अवसर पर आर्थिक रूप से कमजोर महिला व पुरुषों के बीच कंबल और अन्य गर्म कपड़ों का वितरण तथा बीमार लोगों के स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था की गई। विशेष तौर से प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से लोगों को स्वस्थ रहने के तरीके बताए गए।
समारोह का उद्घाटन करते हुए विद्या भारती के अखिल भारतीय राष्ट्रीय महामंत्री श्री रमेंद्र राय ने कहा कि समाज में कमजोर लोगों की सहायता करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। इसके माध्यम से हम अंत्योदय की परिकल्पना को व्यवहारिक धरातल पर उतारते हैं। लेकिन इस प्रकार के कार्य करते हुए हममें श्रेष्ठता का बोध नहीं होना चाहिए। श्री राय ने कहा कि इस दौरान गर्म कपड़े ग्रहण करने वालों को भी हिनता का बोध नहीं होना चाहिए।
24 को गंगा, सरयू और सोन की रक्षा का संकल्प
उन्होंने कहा कि इस समारोह का नाम सेवा सद्भाव रखा गया है। सेवा हम सबके लिए आवश्यक है ताकि हमारे अंदर की कलुषित भावनाएं नष्ट हो सकें। सेवा के माध्यम से सामाजिक समरसता का निर्माण कर हम सद्भाव का माहौल बना सकते हैं। इससे देश व राष्ट्र के विकास का माहौल बनता है। यही भारत की नीति है, यही भारत का धर्म है। उन्होंने कहा भारत में धर्म का अर्थ कोई पूजा पद्धति नहीं होता, बल्कि वह व्यवहार है जिससे मनुष्य का सर्वांगीण विकास हो और समाज में सुख शांति की स्थापना हों।
श्री राय ने कहा कि भारत में धर्म के 10 लक्षण बताए गए हैं। ये हैं—धृति, क्षमा, दम अस्ति, सोच, इंद्रिय निग्रह। जीव और विद्या के साथ ही सत्य और क्रोध है। इसी तत्व मेंं से अहिंसा और सत्य को लेकर महात्मा गांधी ने राष्ट्रीय आंदोलन को आगे बढ़ाया था।
इस अवसर पर भाजपा के जिलाध्यक्ष रामदयाल शर्मा ने कहा कि चिरांद की पुण्य भूमि हमें निस्वार्थ सेवा का संदेश देती है। किरण विकास परिषद के संरक्षक नागा बाबा ने कहा कि यह कार्य विगत 15 वर्षों से जारी है। सामाजिक कार्यकर्ता देवीसनाथ दीक्षित ने कहा कि इसके स्वरूप को व्यापक बनाया जाए। विकास परिषद श्रीराम तिवारी ने कहा कि 24 जनवरी के दिन चिरांद विकास परिषद की ओर से गंगा, सरयू और सोन की धारा जहां मिलती है, वहां समारोह का आयोजन किया गया है। इस दिन धर्माचार्यों के साथ समाज के विविध क्षेत्र के लोग एकत्रित होंगे और गंगा, सरयू तथा सोन की सुरक्षा का संकल्प लेंगे। समारोह की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष कृष्ण कांत ओझा ने की। श्री ओझा ने कहा के चिरांद जल संरक्षण, स्वच्छता और सतत विकास का एक प्राचीन मॉडल है। इसे इस युग में पुनर्जीवित कर समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।