नयी दिल्ली : केंद्रीय कैबिनेट ने आज बुधवार को कृषि कानूनो की वापसी संबंधी पीएम मोदी के ऐलान पर मुहर लगा दी। पीएम की अगुआई में आज केंद्रीय मंत्रियों की बैठक हुई जिसमें कृषि कानूनों की वापसी के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। आज से पांच दिन पहले गुरु पर्व के दिन इन तीनों कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया गया था। कैबिनेट के इस प्रस्ताव को अब संसद के शीतकालीन सत्र में दोनों सदनों पास कराया जाएगा। इसके बाद तीनों कृषि कानून खत्म हो जाएंगे।
ऐसे वापस होंगे तीनों कृषि कानून
इधर संविधान विशेषज्ञों के मुताबिक संसद सत्र शुरू होने के बाद कम से कम 3 दिन में ये प्रक्रिया पूरी हो सकती है। संसद सत्र 29 नवंबर से शुरू हो रहा है। इन तीनों कृषि कानूनों को 17 सितंबर 2020 को लोकसभा ने मंजूर किया था और राष्ट्रपति ने इनपर 27 सिंतबर को दस्तखत किए थे। इसके बाद से ही किसान संगठनों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया था।
संविधान विशेषज्ञों के मुताबिक…
किसी भी कानून को वापस लेने की प्रक्रिया भी उसी तरह होगी, जिस तरह से कोई नया कानून बनाया जाता है।
- पहले चरण में सरकार संसद के दोनों सदनों में इस संबंध में बिल पेश करेगी।
- संसद के दोनों सदनों से ये बिल बहुमत के आधार पर पारित किया जाएगा।
- बिल पारित होने के बाद राष्ट्रपति के पास उनकी मुहर के लिए जाएगा।
- राष्ट्रपति की इसपर मुहर लगने के बाद सरकार नोटिफिकेशन जारी करेगी।
- सरकार द्वारा नोटिफिकेशन होते ही कृषि कानून रद्द हो जाएंगे।