बुधवार से चैत्र नवरात्र शुरू, जानें कलश स्थापन का शुभ मुहूर्त

0

पटना : कल बुधवार को चैत्र नवऱात्र का पहला दिन है। मंगलवार को चैत्र कृष्ण पक्ष अमावस्या के दिन हिन्दू वर्ष का समापन होने के साथ बुधवार चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को नूतन वर्ष अर्थात नव संवत्सर प्रारम्भ हो रहा है। इसी दिन से नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। कोई भी नया काम शुरू करने के लिहाज से नवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।

नाव पर माता का आगमन और हाथी पर गमन

संयोग देखिये कि पिछले वर्ष शारदीय नवरात्र और इस वर्ष की चैत्र नवरात्र ऐसे समय में आई है, जब कोई न कोई संकट हमारे देश—समाज पर पड़ी है। शारदीय नवरात्र में अतिवृष्टि का संकट आया तो इस चैत्र नवरात्र में कोरोना वायरस का। शायद इन संकटों से हमें निकालने के लिए ही माता इस चैत्र नवरात्र पर नाव पर सवार होकर आ रही हैं। पंडित अक्षर कीर्ति के अनुसार नाव पर माता का आगमन हमारे किसानों के लिए उन्नति प्रदान करने वाला है। इस वर्ष वर्षा समय पर उचित मात्रा में होगी। लेकिन साथ ही हमारी अर्थव्यवस्था के लिहाज से समय थोड़ा संघर्षपूर्ण रहेगा। माता नवरात्र के बाद हाथी पर जायेंगी जो अर्थव्यवस्था को धीरे—धीरे गति प्रदान करने का संकेतक है।

swatva

जानिये क्या है कलश स्थापन का शुभ मुहूर्त

चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा 25 मार्च 2020 दिन बुधवार को बासंतिक नवरात्र की शुरुआत हो रही है। वैसे तो इस वर्ष प्रतिपदा तिथि 24 मार्च दिन मंगलवार को दिन में 1:43 बजे लग जा रही है परन्तु उदया तिथि के मान्यतानुसार सूर्योदय कालीन समय की तिथि को ही लिया जाता है। इस कारण से नवरात्र की शुरुआत 25 मार्च को ही मानी जाएगी। 25 मार्च को प्रतिपदा तिथि दिन में 3बजकर 50 मिनट तक व्याप्त रहेगी तत्पश्चात द्वितीया तिथि लग जाएगी। अतः प्रतिपदा तिथि में ही कलश स्थापना किया जाएगा।

कलश स्थापना सूर्योदय से दिन में 3 बजकर 50 मिनट तक की जा सकती है। इस दिन रेवती नक्षत्र सूर्योदय से रात तक व्याप्त रहेगी। ब्रह्म योग सूर्योदय से दिन में 2:40 बजे तक। परन्तु सूर्योदय से 9 बजे तक लाभ एवं अमृत चौघड़िया है। एवं स्थिर लग्न सुबह 8:40 से 10:30 तक। इस प्रकार स्थिर लग्न एवं अमृत चौघड़िया सुबह 8:40 से 9 बजे तक अत्यंत शुभ मुहूर्त्त है।

नवरात्र के अहम आयोजनों की तिथि

इस बार नवरात्र से सम्बंधित सभी यज्ञ, हवन कन्या पूजा आदि रामनवमी 2 अप्रैल दिन गुरुवार को किया जाएगा। नवरात्र का पारण 3 अप्रैल दिन शुक्रवार को किया जाएगा। चढ़ती-उतरती का व्रत रखने वाले लोग 25 मार्च को चढ़ती एवं 1 अप्रैल को उतरती का व्रत करेंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here