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ब्रजेश-मनीषा प्रकरण पर क्या है राजद की भावी रणनीति?

(प्रमोद दत्त)
ब्रजेश ठाकुर और मनीषा दयाल प्रकरण में रोजाना हो रहे नए—नए खुलासों के बाद नीतीश कुमार की असहजता से उत्साहित विपक्ष ने आक्रामक रणनीति बना रखी है। आगे की रणनीति से पहले राजद इस बात को लेकर आश्वत हो चुका है कि जांच का दायरा चाहे जितना भी बढे, इसमें लालू परिवार चपेट में नहीं आएगा।
हालांकि जैसे—जैसे सीबीआई की जांच आगे बढ रही है और पूर्व मंत्री, नेता और कई आईएएस अधिकारी चपेट में आ रहे हैं, इससे यह आशंका व्यक्त की जाने लगी है कि लालू-राबड़ी के मुख्यमंत्रीत्व काल का मामला खंगाला गया तो राजद को भी बैकफुट पर जाना पड़ेगा। कहते हैं इस आशंका से राजद नेतृत्व भी सकते में आ गया और जांच पड़ताल और समीक्षा की गई।
सूत्रों की मानें तो आंतरिक पड़ताल के बाद यह तय पाया गया कि राजद के वरिष्ठ नेता रघुनाथ झा ब्रजेश ठाकुर के काफी करीबी थे जिनकी मृत्यु हो चुकी है। ब्रजेश ठाकुर के अखबार प्रात:कमल को मिले विज्ञापन पर कुछ मामला फंस सकता है। लेकिन इसमें राजद के पूर्व मंत्री भले फंसते हों, लालू परिवार पर गाज नहीं गिरेगी। बड़ी सफलता के लिए अपने कुछ नेताओं की कुर्बानी के लिए भी राजद तैयार है।
यह राजद को पहला और बहुत पुख्ता मामला मिला है जिसके आधार पर नीतीश की स्वच्छ छवि को पूरी तरह दागदार बनाया जा सके। इसी को मुद्दा बनाकर 2019 लोकसभा और 2020 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए राजद ने रणनीति बनाई है। दिल्ली में राजद के प्रदर्शन में भाजपा विरोधी बड़े नेताओं की उपस्थिति से तेजस्वी यादव और राजद के तमाम बड़े नेता उत्साहित हैं। नीतीश सरकार को घेरने और नीतीश की छवि को दागदार बताने के साथ—साथ लोगों तक यह मैसेज पहुंचाया जाएगा कि तेजस्वी से इस्तीफा लेने और महागठबंधन की सरकार गिराने वाले नीतीश कुमार नैतिकता के सवाल पर किस प्रकार दोहरा मापदंड रखते हैं।