पटना : बिहार में, खासकर पटना और अन्य शहरी इलाकों में यदि आपको बोरिंग करवाना है तो अब इसके लिए बजाप्ता परमिशन लेना होगा। राज्य सरकार ने भूजल के अनियंत्रित दोहन को रोकने के लिए एक वाटर संरक्षण ड्राफ्ठ तैयार करवाया है। इसके तहत बोरिंग करवाने से पहले आपको अनुमति लेनी होगी। लघु जल संसाधन विभाग ने केंद्रीय ग्राउंड वाटर बोर्ड की मदद से भूजल दोहन रोकने के लिए यह ड्राफ्ट तैयार करवाकर सरकार को भेजा है। इस ड्राफ्ट के अमल में आने के साथ ही बिहार उन चंद राज्यों में शुमार हो जाएगा जहां यह लागू है। अभी बिहार में भूजल के अनियंत्रित दोहन को रोकने के लिए कोई कानूनी प्रावधान मौजूद नहीं है।
ड्राफ्ट के तहत यदि आप बेलगाम भूजल दोहन के दोषी पाये गए तो जुर्माना और सजा या दोनों के हकदार होंगे। चुनावों के बाद इस पर अमल शुरू होने की उम्मीद है। ड्राफ्ट में कहा गया है कि भूजल दोहन करने के लिए सरकार से पहले लाइसेंस लेना होगा। यह लाइसेंस जिला स्तर पर और कुछ खास मामलों में राज्य सरकार से लेना होगा।
जिला और राज्य स्तर पर समितियां बनेंगी जो लाइसेंस जारी करेंगी। भूजल उपलब्धता के आधार पर इलाके चिह्नित किये जायेंगे और उन्हें नोटिफाइड किया जायेगा। संबंधित इलाके में किसानों, निजी और व्यावसायिक उपभोक्ताओं के लिए भूजल दोहन की मात्रा भी तय की जायेगी। प्रत्येक इलाके में वाटर डिस्चार्ज क्षमता के अनुरूप दोहन के घंटे निर्धारित किये जायेंगे।