पटना : कोरोना वायरस को लेकर बिहार में हाई अलर्ट जारी है। स्कूल—कॉलेज और सभी सार्वजनिक कार्यक्रम रद कर दिये गए हैं। सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड में कर दिया गया है। लेकिन बिहार के ही मोतिहारी में डाक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। यहां मास्क नहीं होने से सदर अस्पताल के डाक्टरों में कोरोना का खौफ इस कदर व्याप्त हो गया कि अपनी खुद की सुरक्षा की मांग करते हुए वे हड़ताल पर चले गए। वह भी तब जब कल ही मुख्य सचिव ने कोरोना को लेकर प्रशासनिक तैयारियां मुकम्मल होने का दावा किया था।
मोतिहारी सदर अस्पताल के डाक्टरों व कर्मियों ने बताया कि उन्हें कोई भी सुरक्षा उपकरण सरकार द्वारा मुहैया नहीं कराया गया है। यहां तक कि उनके लिए सुरक्षा मास्क तक उपलब्ध नहीं है। ऐसे दहशत के माहौल में वे मरीजों का इलाज निर्भय होकर कैसे कर पायेंगे? आज शनिवार को डाक्टरों ने इलाज करने से मना कर दिया और अस्पताल के रेस्ट रुम में बैठक कर सुरक्षा की मांग को लेकर अनशन शुरू कर दिया है।
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मालूम हो कि बाजार में उपलब्ध मास्क कोरोना वायरस को रोकने के लिए उपयुक्त नहीं है। इसके लिए एन—95, 96 या 98 मास्क ही सबसे उपयुक्त है। लेकिन ये तीनों ही श्रेणी के मास्क आम लोगों के लिए बाजार में उपलब्ध नहीं हैं। सरकारी अस्पतालों में भी अभी तक ये मास्क बहुत कम मात्रा में कहीं—कहीं मुहैया कराये जा सके हैं।
विदित हो कि बिहार में अबतक कुल 142 मरीज ऑब्जर्वेशन पर रखे गए। इनमें से 73 को डिस्चार्ज कर दिया गया है। अभी भी रोजाना विभिन्न जिलों में कोरोना के संदिग्ध मिल रहे हैं। ऐसे में सरकार ने भी राज्य के अस्पतालों में अतिरिक्त बेड तैयार रखने का कदम उठाया है। लेकिन इसके साथ ही सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर भी अभी सरकार को काफी काम करना बाकी है।