पटना : पार्टी अध्यक्ष पद से राहुल गांधी के इस्तीफे की वापसी को लेकर बिहार के जिन कांग्रेसियों ने पटना में बजाप्ता पोस्टर चिपका कर आत्मदाह करने की घोषणा की थी, उनकी आज हवा टाईट हो गई। पोस्टर में इन कांग्रेसियों ने आज 11 जुलाई को सदाकत आश्रम के सामने आत्मदाह की घोषणा की थी। लेकिन जब मीडिया के लोग आज उक्त स्थान पर पहुंचे तो इन कांग्रेसी बयान बहादुरों का नामों निशान तक वहां नहीं मिला।
पटना में नया पोस्टर, राहुल के लिए अब 16 कांग्रेसी करेंगे आत्मदाह!
घोषणा और हकीकत का फर्क अब आया समझ में
साफ है कि राहुल गांधी के पटना आगमन के दौरान इन कांग्रेसियों की मंशा महज उनके सामने अपनी राजनीति चमकाने भर की थी। दरअसल, कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने आत्मदाह के नाम पर पटना शहर में बैनर लगाकर सिर्फ सनसनी फ़ैलाने का काम किया। कार्यकर्ताओं ने आत्मदाह की घोषणा सिर्फ राजनीति में अपनी छवि बनाने के लिए की थी। जब राहुल गांधी और अन्य बड़े कांग्रेसी नेताओं ने इसपर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, तब आत्मदाह करने की घोषणा करने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं की हवा टाईट हो गयी। जब वक्त वास्तव में आत्मदाह करने का आया, तो इन सभी कांग्रेसियों के दिल की धड़कन बढ़ने लगी और उन्होंने चेहरा छिपाकर ही काम चला लेना बेहतर समझा।
पटना में लगा पोस्टर: राहुल इस्तीफा वापस लें, वर्ना आत्मदाह!
सदाकत आश्रम में बैठक कर फैसला बदला
मालूम हो कि कल 10 जुलाई को आत्मदाह करने वालो की संख्या 12 से बढ़कर 16 हो गयी थी। वहीं बुधवार की शाम को सदाकत आश्रम में उन्हीं कार्यकर्ताओं और नेताओं ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा के साथ एक बैठक करने के बाद आत्मदाह कार्यक्रम को स्थगित कर दिया। इस बैठक में कांग्रेस के कुछ अन्य नेतागण भी मौजूद थे। इस कार्यक्रम के बाद कांग्रेस के मीडिया प्रभारी एचके वर्मा ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष ने आत्मदाह करने की घोषणा करने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं से आत्मदाह कार्यक्रम स्थगित करने का आग्रह किया था।
सुचित कुमार