नवादा : आजादी के 70 वर्षों बाद भी रेलवे का एक ऐसा यात्री प्रतीक्षालय है जिसका उपयोग कभी आम लोगों और रेलयात्रियों ने किया ही नहीं। उसका उपयोग पिछले 70 वर्षों से पुलिस कर रही है, वह भी अपने बैरक के तौर पर। जी हां, बिहार के नवादा जिले के गया—क्यूल रेलखंड पर स्थित नवादा रेलवे स्टेशन परिसर में बनाये गये यात्री प्रतिक्षालय पर रेलवे पुलिस का कब्जा है। उक्त भवन में वर्षों से थाना के साथ पुलिस बैरक चलाया जा रहा है। ऐसे में प्रतिक्षालय से यात्रियों को लाभ के बजाय परेशानी उठानी पड़ रही है।
बताया जाता है कि उक्त यात्री प्रतिक्षालय का निर्माण 1948 में कराया गया था। तब से उक्त भवन में रेल थाना के साथ बैरक चलाया जा रहा है। चूंकि थाना भवन का निर्माण अबतक नहीं कराया गया इससे अस्थायी तौर पर शुरू किये गए इस रेल थाने का स्थानांतरण अबतक इस प्रतीक्षालय से अन्यत्र नहीं हो पाया है। थाना का कार्य क्षेत्र गया के मानपुर से क्यूल तक है।
प्रतीक्षाल का बैरक भी अब जर्जर
पुलिसकर्मियों के लिये बैरक बने इस रेलवे प्रतीक्षालय में सिपाहियों का रहना भी मुश्किल है। बरसात में छत के चूने से पुलिस कर्मियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जर्जर छत कब टूटकर गिर जाय, कहना मुश्किल है। ऐसे में जान जोखिम में डाल पुलिसकर्मी यहां रहने को मजबूर हैं।
रेल एसपी ने कहा—बनेगा नया थाना भवन
रेलवे परिसर में थाना भवन बनाने के लिए भूमि आवंटित की गयी है। प्रशासनिक स्वीकृति मिलते ही भवन निर्माण का कार्य आरंभ कराया जाएगा। इसका संकेत हाल ही में निरीक्षण के लिये जमालपुर से नवादा आये रेलवे एसपी ने दी है। बहरहाल अबतक यात्री प्रतिक्षालय पर पुलिस का कब्जा बरकरार है।