बिहार भाजपा ने कांग्रेस से पूछा, राम को गाली दी तो ठीक और पूजा तो पाप कैसे?
पटना : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने आज कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी राहुल गांधी को प्रधानमंत्री न बना पाने की खीज में बौखला गयी है। इसी बौखलाहट में कांग्रेस अब मोदी विरोध के नाम पर खुलेआम देश के बहुसंख्यकों के अपमान पर उतर आयी है। पिछले चंद दिनों में रायबरेली की विधायक अदिति सिंह और हरियाणा कांग्रेस के नेता पंकज पुनिया के ट्वीट सुर्ख़ियों में रहे। अदिति सिंह ने जहां सच का साथ देते हुए प्रियंका वाड्रा को ‘बस पॉलिटिक्स’ पर करारा जवाब दिया था, वहीं पंकज पुनिया ने प्रियंका वाड्रा का समर्थन करते हुए भगवान राम पर अभद्र और अश्लील टिप्पणी की थी।
बहुसंख्यकों से कांग्रेस को कोई मतलब नहीं : संजय जायसवाल
बिहार भाजपा अध्यक्ष ने बताया कि इन दोनों ही मामलों में कांग्रेस ने जहां अदिति सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया, वहीं पुनिया के समर्थन में अपने सिपहसालारों को नियुक्त कर दिया। इससे साफ़ है कि कांग्रेस की निगाह में गांधी परिवार की जगह, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम से भी ऊपर है। इससे यह भी पता चलता है कि इन्हें देश के करोड़ों बहुसंख्यकों की आस्था और विश्वास से कोई मतलब नहीं है।
गांधी परिवार की चाटुकारिता में हर पाप कर रही कांग्रेस
डॉ जायसवाल ने कहा ‘यह पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस की राम और हिन्दू विरोधी मानसिकता उजागर हुई है, बल्कि यह वह पार्टी है जिसने कभी सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करते हुए भगवान राम के अस्तित्व को ही नकार दिया था’। श्री जायसवाल ने कहा कि राम मंदिर के समर्थन में ASI की रिपोर्ट आने के बावजूद इस मसले पर फर्जी इतिहासकारों से लेख लिखवा कर, इस मुद्दे को लंबे समय तक लटकाने की साजिश रचने के पीछे भी कांग्रेस का ही हाथ माना जाता है। राममंदिर के खिलाफ केस की पैरवी करने वालों में कांग्रेस के ही दिग्गज नेता कपिल सिब्बल का नाम सबसे ऊपर आता है और राम सेतु को तोड़ने की साजिश रचने वाली भी कांग्रेस की ही सरकार थी।
बिहार भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस से सवाल किया कि उसके नेता देश को यह बताएं कि आखिर उन्हें भगवान राम और देश के बहुसंख्यकों से क्या दिक्कत है? उन्हें बताना चाहिए कि आखिर उनकी पार्टी पंकज पुनिया जैसे नेताओं को क्यों शह दे रही है? कांग्रेस यह जान ले हिंदुस्तान की जनता सब कुछ सहन कर सकती है लेकिन भगवान राम का अपमान नहीं।