पटना : भिखारी ठाकुर स्कूल ऑफ़ ड्रामा की तरफ से कालीदास रंगालय में हरिवंश द्वारा रचित ‘भगवान मुसहर’ नामक नाटक प्रस्तुत किया गया। इस मौकेे पर बलिया से पधारे नाट्यकर्मियों ने अपनी कला का बेहतरीन प्रदर्शन किया। यह नाट्य संस्था अब तक 80 से अधिक शो कर चुकी है और कई अवॉर्ड भी अपनी झोली में रख चुकी है। नाट्य प्रस्तुति से पूर्व भिखारी ठाकुर की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाकर उनको याद किया गया। इस मौके पर भगवती प्रसाद और हरिवंश उपस्थित रहे।
नाटक में यह दिखाया गया कि किस तरह भगवान मुसहर दलित चेतना को वर्ग चेतना में रूपांतरित करता है और सामंती उत्पीड़न के विरुद्ध संघर्ष का संघात्मक प्रतिवाद करता है। इसमें भीमल राय जैसे लोग स्थानिय सत्ता के प्रतिनायक हैं, जहां दलित, गरीब-गुरबा, बनिहार एवं चरवाह हैं जो अपनी जिंदगी के बारे में फैसला नहीं ले सकते। उनकी जिंदगी को स्थानीय सत्ता परिभाषित करती है। थाना, कोर्ट और प्रशासन की मिलीभगत से औरतों की इज्ज़त का सवाल जबरन खारिज कर दिया जाता है। दलितों, आदिवासियों के बीच किसी भी तरह के प्रतिरोध, संघर्ष को सामंती ताकतें एवं शासनतंत्र नक्सलवाद से जोड़कर देखने लगते हैं। उसी आधार पर दमन का सिलसिला शुरू हो जाता है और प्रतिरोध का रूप बन जाता है। सलोनी प्रिया, प्रियंका, खुश्बू, प्रीति, शशांक ,राकेश, कृष रणधीर ,मयंक आशीष ,रितेश आदि कलाकारों ने नाटक प्रस्तुत किया।
सोनू कुमार