नवादा : बिहार में नवादा जिले के सिरदला प्रखंड साढ पंचायत अंतर्गत मझगांवा निवासी एक दिव्यांग सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए दर—दर भटक रहा है। प्रखंड से लेकर जिला मुख्यालय तक का उसने चक्कर लगा लिया लेकिन कहीं भी उसकी आवाज नहीं सुनी गयी। ऐसे में उसके सामने भूखों मरने की नौबत सामने आ गयी है।
मझगांवा निवासी स्व. हिरामन का दिव्यांग पुत्र दोनों हाथ से लाचार है। ऐसे में वह कोई काम कर नहीं सकता और बगैर काम किए कोई उसकी परवरिश कर नहीं सकता। सो उसे जीवन की गाङी खींचने के लिये सामाजिक सुरक्षा पेंशन के अलावा कोई अन्य विकल्प दिखाई नहीं देता। ऐसी भी बात नहीं है कि उसे पेंशन नहीं मिलता था। 8 अप्रैल 2016 तक असे पेंशन का भुगतान किया गया। लेकिन नई व्यवस्था में अब बैंक में खाता नहीं रहने के कारण उसका पेंशन रोक दिया गया है।
अंगुलियां न होने से बैंक नहीं खोल रहा खाता
रामअवतार बताता है कि बैंक खाता खोलने को तैयार नहीं है। प्रबंधक का कहना है कि दोनों हाथ ही नहीं हैं तो खाता खुलेगा कैसे? उसके पास आधार कार्ड उपलब्ध है। लेकिन दोनों हाथों में उंगली का नहीं रहना उसके खाता खुलने में बाधक बना हुआ है। ऐसे में पेंशन से उसे वंचित कर दिया गया है। समाज सेवी सुशील कुमार कहते हैं कि सरकार को वैसे लोगों के संबंध में विचार करना चाहिए जिनके दोनों हाथ किसी न किसी कारण से काट दिये गये हों और उसे सरकारी लाभ नहीं मिल पा रहा हो।