प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय संयोजक जे. नंद कुमार ने कहा कि विश्व युद्ध के बाद इस तरह की परिस्थिति का सामना कभी किसी देश को करना नहीं पड़ा था। आर्थिक,सामाजिक सहित कई रूपों में आज पूरा विश्व कई तरह की समस्याओं से जूझ रहा है। इसका समाधान हमें ढूंढना होगा क्योंकि कोरोना कई प्रकार से हम सब को प्रभावित करने वाला है। कुमार आज प्रज्ञा प्रवाह झारखंड चैप्टर के फेसबुक लाइव कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने युग परिवर्तन और हिंदुत्व विषय पर अपने विचार रखे।
जे. नंद कुमार ने कहा कि दुनिया के कई देश वैज्ञानिक रूप से शैक्षणिक रूप से शोध में कई तरह के प्रयोग करते हैं। जानकारियां हासिल करते हैं। परंतु यह सभी ऐसे ज्ञान को हम सबके साथ साझा नहीं करते। इस पर हमें विचार करना होगा। यह बात चर्चा में आई की कोरोनावायरस चीन से फैला है, वूहान से फैला है। परंतु दुनिया के देशों ने चीन पर इसके लिए दबाव नहीं बनाया और चीन ने इसकी जानकारियां हमसे साझा भी नहीं की। अमेरिका सहित कई देशों ने इसकी कोई जानकारी अन्य देशों से साझा नहीं की। इसका परिणाम यह हुआ कि यह वायरस तेजी से पूरे विश्व में फैला।
अब हम इस पर बात करें तो सोचना होगा। हिंदुत्व और हमारी परंपराओं पर विचार करना होगा। क्या हमने कभी ऐसा किया तो जवाब मिलेगा कि कभी नहीं। हिंदुत्व और भारत ने अपने ज्ञान को पूरी दुनिया से साझा किया। हमने कभी ट्रेडमार्क नहीं लिया। रामायण भले ही वाल्मीकि ने लिखा हो परंतु दुनिया भर में इसका उपयोग किया। विभिन्न भाषाओं में इसका अनुवाद हुए। हमने कभी कॉपीराइट का दावा नहीं किया क्योंकि भारतीय दर्शन को माने तो ज्ञान छुपाने की चीज नहीं है। यह बांटने की चीज है।
ऐसे संकट काल में जब दुनिया के समृद्ध देशों ने अपने हाथ समेट लिए। लोगों को जानकारी देने से कतराने लगे। तब भारत ने एक बार फिर दुनिया को रास्ता दिखाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्क देशों के साथ मीटिंग की। खुद नेतृत्व किया। लोगों के साथ जानकारी साझा की और अपनी तकनीकी और दवाओं को भी सबको देने का आश्वासन दिया।
यह भारत की, हिंदुत्व की पहचान हैं। भारत ने हमेशा ही दुनिया के साथ अपना ज्ञान साझा किया है। इस संक्रमण काल मे भी और इसके बाद भी भारत दुनिया का नेतृत्व करेगा। भारत फिर से दुनिया को ज्ञान सिखाएगा।