लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद जब मोदी सरकार 2.0 गठन हो रहा था, तब बिहार में यह चर्चा का विषय बना हुआ था कि इस बार मोदी के मंत्रिमंडल में बिहार कोटे से कम से कम 8 सांसदों को मंत्री पद मिलेंगे, जिसमें भाजपा से 4, जदयू से 3 व लोजपा से 1 सांसदों का मंत्री बनना तय है। लेकिन, भाजपा लोकसभा में जदयू को ज्यादा सीट देने की गलती सुधारने के लिए भाजपा ने एनडीए के अन्य दलों को सिर्फ सांकेतिक तौर पर भागीदार बनाने का फैसला किया। भाजपा के इस फैसले को तो अन्य दलों ने तो स्वीकार कर लिया, लेकिन जदयू ने प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया। इसके बाद से बीजेपी और जदयू में बयानों का दौर शुरू हुआ। मोदी मंत्रिमंडल के गठन के बाद नीतीश कुमार ने भी अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया, जिसमें भाजपा एवं लोजपा को शामिल नहीं किया गया।
इसके बाद जदयू ने तीन तलाक व अनुच्छेद 370 व एनआरसी का विरोध किया, जो भाजपा नेताओं को नागवार गुजरा और भाजपा नेता ऐसे मौके के इंतजार में थे, जब नीतीश कोई बयान भाजपा के खिलाफ दें और नीतीश ने भाजपा नेताओं को यह मौका रांची में कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए दे दिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि गठन के 19 साल बाद भी झारखण्ड का विकास नहीं हुआ है। नीतीश के इस बयान पर भाजपा नेता इतना नाराज़ हो गए कि उन्होंने नीतीश के नेतृत्व पर ही सवाल उठा दिया, जिसके बाद बिहार की राजनीति चर्चा का केन्द्र बन गया था। स्थिति को संभालने के लिए प्रदेश के बड़े नेताओं को सामने आना पड़ा।
डैमेज कण्ट्रोल के लिए सुशील मोदी ने कहा था कि ‘नीतीश कुमार बिहार एनडीए के कैप्टन हैं और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में एनडीए के कैप्टन रहेंगे। जब कैप्टन चौके और छक्के लगा रहा हो और विरोधियों को हरा रहा हो, तो बदलाव का सवाल ही नहीं उठता है।’
लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार ही बिहार में एनडीए के सीएम चेहरा होंगे। राज्य भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा सीएम की कुर्सी पर नीतीश के दावे को चुनौती संबंधी बयानों पर सोमवार को रामविलास पासवान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बिहार में नीतीश कुमार थे, नीतीश कुमार हैं और नीतीश कुमार ही रहेंगे।पासवान ने कहा कि लोजपा की राय में आगामी विस चुनाव में नीतीश ही एनडीए के चेहरा होंगे। यही बात चिराग ने भी कही है। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार को लेकर भाजपा की लाइन अब तक क्लियर है, लेकिन कल उनकी लाइन क्या होगी इस पर हम क्या कह सकते हैं?
सुशील मोदी, रामविलास पासवान के बयान के बाद जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि बिहार में जेडीयू और बीजेपी कि दोस्ती में उतार-चढ़ाव आते रहे हैं। लेकिन, गठबंधन कायम रहेगा. अब इस मामले में कौन नेता क्या बोलता है यह मायने नहीं रखता है। सिंह ने कहा कि बिहार की राजनीति में जदयू और बीजेपी के बीच पहले भी ऐसा हो चुका है। किसी के बयान देने से राजनीति प्रभावित नहीं होती है। पार्टी के आलाकमान जब कुछ बोलते हैं तभी उस बात का मतलब होता है।
एनआरसी मुद्दे पर जवाब देते हुए वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि इस मसले पर जदयू और भाजपा के राय अलग-अलग है लेकिन, इससे फर्क नहीं पड़ता है। जदयू का एनआरसी पर जो स्टैंड था वही रहेगा और गठबंधन भी अटूट रहेगा। सभी पार्टी के प्रमुख नेताओं का बयान आ चुका है और हमलोग मिलकर मजबूती से 2020 विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे और भारी बहुमत के साथ सरकार बनायेंगे ।