पटना : देश मे परिवर्तन की बयार युवा ही ला सकते हैं। युवा हर क्षेत्र में अच्छा कर रहे हैं। युवाओं की शक्ति को सक्रिय करके बैंकिंग सर्विस को मजबूती प्रदान करना और बैंकिंग सेक्टर में आ रही समस्याओं को सुलझाने के लिए ट्रेनिंग देना ही युवा समागम का मुख्य उद्देश्य है। ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर एसोसिएशन के द्वारा पहली बार पटना में “युवा समागम” आयोजित किया गया। राजधानी के बिहार चैम्बर ऑफ एसोसिएशन में युवा समागम कार्यक्रम में बोलते हुए बिहार आपदा प्रबंधन के सचिव व्यास मिश्रा ने बताया कि बैंकों तक आम लोगों की पहुंच पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ी है। बैंको का राष्ट्रीकरण देश के लिए बहुत कारगर साबित हुआ। राष्ट्र के विकास में बैंको की अहम भूमिका होती है। यदि बैंकों का राष्ट्रीयकरण नहीं हुआ होता तो यह आम लोगों तक नहीं पहुंचा होता। आज लोगों की आवश्यकता को देखते हुए बैंकों की पहुंच गांव-गांव तक हो गई है। इंटरनेट बैंकिंग और बहुत सारे बैंकिंग एप ने इसे और भी आसान बना दिया है। युवाओं पर बोलते हुए व्यास जी ने कहा कि यह युवा समागम है। अच्छी बात होगी अगर युवा अपने दायित्व को समझें क्योंकि जो भी परिवर्तन करना है, युवाओं को ही करना है। युवा का मतलब सिर्फ शरीर से ही युवा नहीं होता है। या कम उम्र और ताकत से ही नहीं होता है। युवाओं के भीतर युवा सोच होनी चाहिए। युवा का मतलब नई व्यवस्था खड़ी करना है। युवा का मतलब गैर-बराबरी से लड़ना, अन्याय से लड़ना होता है। हालात से लड़कर, जूझ कर समाज को बदलने की,समाज को नई राह दिखाने की ताकत रखने का नाम युवा है।
एसोसिएशन के सचिव आलम हुसैन ने कहा कि पटना में बैंक अधिकारियों के द्वारा युवा समागम की यह पहली प्रोग्राम है। इस बैठक के माध्यम से युवाओं को बैंकिंग और ट्रेड यूनियन के बारे में बताया जायेगा। इसमे बैंकर अपनी बहुत सारी समस्याओं पर चर्चा करेंगे। सरकार के द्वारा लाई गई नई पेंशन स्कीम पर चर्चा की जाएगी । निर्धारित समय से ज्यादा बैंकर्स से काम करवाया जाता है। ऐसे तमाम मुद्दे हैं जिनपर चर्चा करके एसोसिएशन सरकार को भेजेगा।
एसोसिएशन के महामंत्री जय शंकर ने कहा कि पूरे देश मे एक लाख से भी ज्यादा बैंक शाखाएं काम करती हैं। आज 3 लाख से ज्यादा अफसर हैं और उतने ही क्लर्क भी बैंको में कार्यरत हैं। पिछले 10 वर्षो में सबसे ज्यादा नौकरी बैंकिंग सेक्टर ने ही दिया है।ट्रेड यूनियन के इतिहास2 पर उन्होंने विस्तार से चर्चा की और बताया कि कैसे ट्रेड यूनियनों ने कर्मचारियों के अधिकार और सुविधाओं के लिए लड़ाइयां लड़ी और जीती। उन्होंने युवाओं का आवाहन करते हुए कहा कि आनेवाला समय आप युवाओं का है और ट्रेड यूनियन में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।
(मानस दुबे)