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बालू व शराब माफियाओं ने किया संत पर हमला, पालघर जैसे कलंक से बचा बिहार

आरा: बिहार के आरा जिला के कोईलवर थाना क्षेत्र स्थित पुराना हरिपुर गांव में एक संत के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया हैं। समय पर गांव के लोग यदि नहीं जुटते तो महाराष्ट्र के पालघर की तरह यहां भी एक वैष्णव संत की हत्या हो जाती! सोन के तट पर स्थित एक गोशाला के पास शराब पीने व मांसाहार से मना करने के कारण कोइलवर क्षेत्र के नए बालू व शराब माफिया के रूप में उभर रहे युवाओं ने संत पर हमला कर दिया था। इसकी जानकारी मिलते ही गांव के लोग वहां एकत्रित हो गए और अंततः उन्हें वहां से भागना पड़ा था। मामले की जानकारी स्थानीय थाने को दी गयी।

चार लोगों के विरूद्ध मामला दर्ज

सूचना पर पहुंचे पुलिस के अधिकारियों ने संत व ग्रामीणों के बयान पर चार लोगों के विरूद्ध मामला दर्ज कर लिया। कोविड 19 के कारण देशव्यापी लॉकडाउन के वजह से वैष्णव सन्त स्वामी कृष्ण मुरारी आचार्य 21 मार्च से कोइलवर के पास स्थित हरिपुर गांव में फंसे हैं। थाने में एफआईआर दर्ज हो जाने के बाद उपद्रवी शांत नहीं हुए बल्कि संत को तरह-तरह से परेशान करने लगे।

गोलीबारी के बाद बढ़ाई गई सुरक्षा

लाॅकडाउन के कारण तत्काल उनका उत्तराखंड लौटना मुश्किल है। गांव व आसपास के लोगों ने उन्हें सामान्य स्थिति होने तक रूकने की सलाह दी। लेकिन, एफआईआर दर्ज होने से खफा माफियाओं ने उन्हें तरह-तरह से परेशान करना शुरू कर दिया। एक दिन उन्हें सोते समय रात में नदी में लेजाकर फेंकने का प्रयास किया गया। लेकिन, शोर मचाने के कारण उपद्रवी वहां से भाग गए। दिन में आकर उपद्रवी उनसे गाली-गलौज करने लगे। इतना के बावजूद जब वे वहां से नहीं भागे तो 22-23 मई की रात उन पर गोली चला दी गयी। इसके बाद पुलिस ने उनकी सुरक्षा में चार सिपाहयों को तैनात कर दिया है।

दबंग व आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उपमुखिया पर आरोप

इस मामले में एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि दबंग व आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उपमुखिया नन्द किशोर कुशवाहा इस मामले के केंद्र में है। सागर कुशवाहा, मुनमुन महतो, धर्मेन्द्र सिंह के साथ ही उसे भी नामजद किया गया है। इसके बावजूद वह खुलेआम घुम रहा है। ज्ञात हो कि उन संत की जन्मभूमि हरपुर ही हैै। उन्हें परेशान करने वाले अब उनके पूर्व आश्रम के परिजनों को परेशान कर रहे हैं तथा उन्हें फर्जी मुकदमें में फंसाने की धमकी दे रहे हैं। वहीं पीड़ित संत ने अपने साथ हुए अत्याचार की जानकारी अखाड़े और आश्रमों के सभी सम्प्रदायों के महन्त, महा मंडलेश्वर , एवं सन्त समाज के साथ ही सरकार व प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी हैं।

बालू माफिया व अवैध शराब कारोबारियों का फैला है साम्राज्य

बताया जाता है कि कोइलवर से लेकर बिंदगांवा तक सोन के किनारे बालू माफिया व अवैध शराब कारोबारियों का साम्राज्य फैला है। ये इस क्षेत्र में किसी बाहरी आदमी को रहने नहीं देते हैं। इस क्षेत्र में तमाम तरह के अवैध व अनैतिक कारोबार होते हैं। इन माफियाओं ने लाॅकडाउन के कारण इस क्षेत्र में शरण लेने को मजबूर संत को वहां से भगाने के लिए यह सब किया। लेकिन, ऐसा करना उनके लिए उलटा पड़ने लगा है क्योंकि माफियाओं से त्रस्त आम लोग संत के साथ खड़े हैं। हद तो यह है कि धन के बल पर इन माफियाओं ने मीडिया व सोशल मीडिया पर भी गलत सूचनाएं प्रसारित करा दिया है। जब आम आदमी विरोध में उतरने लगे तब जाकर मामला स्पष्ट होने लगा।