पटना : बिहार पुलिस को माडर्न पुलिसिंग की मिसाल बनाने के लिए पुनः परेड करने लगे हैं डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय। थानों से निरंतर मिल रही शिकायतों के आधार पर उन्होंने ननकम्परोमाईजिंग एक्शन के तहत 58 ऐसे अफसरों की सूची विभिन्न जिलों से मांगी है, जिन्होंने कार्य में कोताही बरती अथवा एक ही स्थान पर लम्बे समय से कुंडली मार कर बैठे हों।
मिली जानकारी के अनुसार अपने पुराने रौ में आते हुए डीजीपी ने बिहार पुलिस के कायाकल्प की ठान ली है। उन्होंने राजधानी में ऐसे थानेदारों की खोज भी शुरू कर दी है जो अपराधियों को कील ठोंक दें। दो दिनों पूर्व आधी रात में पटना के एसएसपी के कार्यालय में हुई हाईलेवल बैठक में उन्होंने स्पष्ट कहा था कि थानेदार स्मार्ट हों और नई पुलिसिंग की मानसिकता रखते हों।
उन्होंने अफसरों को कहा कि अनुसंधान वैज्ञानिक तरीके से हो। और, थाने मॉडर्न हों। मॉडर्न का अर्थ यह नहीं कि सिर्फ लकदक और सुन्दर ही हों। करीब दो घंटों तक चली बैठक में उन्होंने कहा कि सबसे पहले थानों को मजबूत करना होगा। तभी अपराध पर नियंत्रण संभव है।
डीजीपी ने बेगूसराय, कटिहार, किशनगंज, वैशाली, मधुबनी, भोजपुर, पूर्णिया तथा नवगछिया के पुलिस कप्तानों को पत्र लिखकर 58 अफसरों के तबादले की सूची की मांग तो की ही है, साथ ही उनके सर्विस रिकॅार्ड, पृष्ठभूमि तथा कार्यशैली की भी मांग की है।
अपराधियों की अब खैर नहीं : डीजीपी
कल दानापुर कोर्ट परिसर में अपराधियों के साथ लोहा लेते हुए शहीद पुलिसकर्मी प्रभाकर के संबंध में बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने घटनास्थल का मुआयना कराया। अपराधियों की अब सूबे में खैर नहीं। उन्होंने कहा कि अपराधी तुरंत टूट जाएंगे। इसके लिए कार्य योजना बन चुकी है।